हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते करते बकरा ट्रेडिंग पर आ गए हैं गहलोत: सतीश पूनियां

सीएम गहलोत द्वारा बीजेपी नेताओं पर लगाए विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप के बीजेपी का पलटवार, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने दी आरोप साबित करने या राजनीति छोड़ने की चुनौती तो राजेंद्र राठौड़ ने किया आरोपों से इनकार

Satish Poonia BJP (सतीश पूनियां)
Satish Poonia BJP (सतीश पूनियां)

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच शनिवार को आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश के तीन बडे भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड, सतीश पूनियां पर आलाकमान को खुश करने के विधायकों की खरीद फरोख्त करने के षडयंत्र रचने का आरोप लगाया तो जवाब में इन बीजेपी नेताओं ने भी संयुक्त पत्रकार वार्ता कर सीएम गहलोत पर पलटवार किया. सीएम गहलोत द्वारा बीजेपी नेताओं पर लगाए बकरा मंडी की तरह विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप के जवाब में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि कभी घोड़े की बात करने वाले मुख्यमंत्री गहलोत ने आज बकरे की बात कर दी. सीएम गहलोत अब हॉर्स ट्रेडिंग के बाद बकरा ट्रेडिंग पर आ गए है. राजस्थान के विधायक बकरा मंडी कैसे हो सकते हैं?

सतीश पूनियां ने सीएम गहलोत की पत्रकार वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि सीएम की प्रेसवार्ता से सबको उम्मीद थी को वो जनता के हित का कोई निर्णय सुनाएंगे. मेरे अब तक के राजनीतिक करियर में मुख्यमंत्री गहलोत को इतना विचलित कभी नहीं देखा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी भले आदमी हैं, लेकिन उन्हें आज जितना निराश कभी नहीं देखा. सीएम गहलोत के चेहरे पर बौखलाहट आज साफ नजर आ रही थी. सीएम गहलोत का दर्द वाजिब है वो कांग्रेस के पुराने नेता है. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में कांग्रेस पूरी तरह देश में मुक्त हो गई. बडे प्रदेशों में कांग्रेस सिर्फ राजस्थान में ही बची है.

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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री इतने पर्यावरण प्रेमी है, इतने जीव-जंतु प्रेमी है कि कभी वो घोड़े की बात करते हैं और आज बकरे की कर दी. राजस्थान के विधायक बकरा मंडी कैसे हो सकते हैं इसका जवाब सीएम गहलोत को देना चाहिए. सीएम गहलोत ने बेशर्मी जैसी भाषा का इस्तेमाल किया. हालांकि सीएम गहलोत में जादूगरी जरूर है कि वो घोड़े और बकरे की बात करते करते हाथी को भूल जाते हैं, हाथी का अस्तित्व ही प्रदेश से खत्म कर देते हैं.

सतीश पूनियां ने आगे कहा कि सीएम गहलोत कोरोना प्रबंधन और अपने पौने 2 साल के कार्यकाल में फेल होने के कारण बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते रहते है. सीएम गहलोत कहते हैं उनकी पार्टी एकजुट है, अगर एकजुट है तो 10 दिन बड़ा बंदी में क्यों रही. एक तरफ कोरोना से मौतें हो रही थी और मुख्यमंत्री जी अपने विधायकों के साथ 10 दिन बाडाबंदी में कैद रहे. कांग्रेस की बड़ाबंदी के दौरान सीएम गहलोत की किस किस विधायक से क्या बात हुई? उसे स्पष्ट करें तो हम मान लेंगे कि मुख्यमंत्री गांधीवादी और ईमानदार हैं.

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पूनियां ने कहा कि सीएम गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गद्दारी का जिक्र किया, मध्य प्रदेश के घटनाक्रम का जिक्र किया. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस में अपमान हुआ, ऐसे में अपमान के कारण सिंधिया बीजेपी में आए. बीजेपी में सिंधिया को इज्जत मिली, आज सिंधिया सांसद है. सीएम गहलोत ने 2023 में सरकार बनाने की बात की है, यह मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा है. सीएम गहलोत आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी तरह संतुलित थे. कोरोना प्रबंधन की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए सीएम गहलोत ने राज्यसभा चुनाव से लेकर आज तक रिपोर्ट का पूरा खेल रचा है.

सतीश पूनियां ने आगे कहा कि सीएम गहलोत ने देश में लोकतंत्र की हत्या की बात कही. सीएम गहलोत खुद स्व. इंदिरा गांधी के समय के नेता है. सीएम गहलोत को ध्यान होना चाहिए कि देश में आपातकाल लगाने का काम देश के लोकतंत्र में पहली बार उन्ही की सरकार में हुआ. आज वो दुहाई देते हुए अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करने की इसका दुरूपयोग 93 बार कांग्रेस ने ही किया. इतना ही नहीं राजस्थान में भैंरोसिंह जी की सरकार को अस्थिर करने के लिए भजनलाल जी का अटैची कांड बड़ा फैमस हुआ था.

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वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी सीएम गहलोत द्वारा उनके ऊपर विधायकों की खरीद फरोख्त का षडयंत्र रचने के लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया और चुनौती देते हुए कहा कि आज तक मेरे ऊपर राजनीति में कोई आरोप नहीं लगा है, अगर आरोप साबित कर दो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप छोड़ देना. मुख्यमंत्री गहलोत एकदम निचले स्तर की राजनीति पर उतर गए हैं. जिस तरह की भाषा का उपयोग सीएम गहलोत ने किया वह अशोभनीय था. कांग्रेस के पास अगर आपके पास कोई सबूत है तो कार्रवाई करनी चाहिए.

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के लोग बात करते हैं कि यहां की सरकार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दो गुट में बंटी हुई है. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बने. इस सरकार की बुनियाद ही बिना नींव के रखी गई है, जिसके पाये हर 3 महीने में हिलते हैं. सीएम गहलोत ने आज अपनी कमजोरियों को प्रेस वार्ता में जाहिर किया. प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त की पटकथा के मुख्य किरदार निर्माता-निर्देशक अगर कोई है तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है.

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