नोटबन्दी, GST, लॉकडाउन के बाद कृषि कानूनों को राहुल ने बताया मोदी सरकार की वन-टू का 4 पॉलिटिक्स

राजस्थान में राहुल गांधी के बाएं रहने वाले पायलट को इस बार फ्रंटलाइन से साइडलाइन कर दिया गया, कारण पद का प्रोटोकॉल बताया गया, पीलीबंगा में नहीं हुआ पायलट का भाषण, जब तक यह कानून वापस नहीं लिए जाते कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी रहेगी और नए कृषि कानूनों को रद्द कराकर ही मानेगी,

राहुल गांधी ने बताई मोदी सरकार की वन-टू का 4 पॉलिटिक्स
राहुल गांधी ने बताई मोदी सरकार की वन-टू का 4 पॉलिटिक्स

Politalks.News/FarmersProtest. केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसान दिल्ली की सीमांओं पर करीब 80 दिन से आंदोलनरत है. किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए 2 दिन के राजस्थान दौरे पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा. राहुल गांधी ने पहले हनुमानगढ़ के पीलीबंगा और बाद में पदमपुर में किसान महापंचायत को सम्बोधित किया. राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ वन-टू का फोर पॉलिटिक्स से मोदी सरकार को घेरा, सबसे पहले उन्होंने कृषि कानून लागू होने पर देश में खेती का धंधा एक व्यक्ति के हाथ में चले जाने के खतरे के बारे में बताया, फिर एक दिन पहले लोकसभा में भाषण के दौरान बताए नारे ‘हम-दो, हमारे दो’ के जरिए सरकार और उद्योगपतियों पर एक बार फिर निशाना साधा.

राहुल गांधी ने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि इन कानूनों से 40 प्रतिशत किसान, छोटे व्यापारी एवं मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे तथा खेती कुछ बड़े उद्योगपतियों के हाथों में सिमट जाएगी. राहुल गांधी ने कहा कि किसान कानूनों से मंडियां खत्म होने के साथ जमाखोरी चालू होगी तथा किसान से न्याय छिन जाएगा. जब तक यह कानून वापस नहीं लिए जाते कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी रहेगी और नए कृषि कानूनों को रद्द कराकर ही मानेगी.

इसके बाद राहुल गांधी ने पदमपुर में किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है तो पहले उनकी जमीन और भविष्य छीनने वाले कानूनों को रद्द करे. हिंदुस्तान का सबसे बड़ा उद्योग कृषि है जिसे देश की 40 प्रतिशत जनता चलाती है, लेकिन केंद्र सरकार इसे चंद उद्योगपतियों के हाथों में देकर एकाधिकार स्थापित करना चाहती है. यह उचित नहीं होगा कि एक व्यक्ति सबका अनाज, सब्जी, फल खरीदकर जमाखोरी कर ले और छोटे व्यापारियों और किसानों को बेरोजगार कर दे.

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उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों में किसानों से न्याय छीनने का प्रावधान है. इसमें बड़े उद्योगपतियों के सामने किसानों को जाना होगा तथा सही दाम नहीं मिलने पर उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. किसान इस बारे में सब कुछ समझ गए हैं तथा दमन के बावजूद खड़े हैं. दो सौ से अधिक किसानों को शहीद होना पड़ा है.

पीएम मोदी का नाम लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पहले उन्होंने नोटबंदी के जरिए अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी तथा कोरोना काल में मजदूरों को घर जाने के लिए बस रेल का टिकट भी नहीं लेने दिया. उन्हें भूखे मरने के लिए विवश कर दिया. इस सबके बावजूद मोदी ने बड़े व्यापारियों का एक लाख 50 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया. उन्होंने कहा कि मोदी मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया का नारा देते हैं, लेकिन असल में देश में बेरोजगारी फैल रही है.

वहीं, चीन की चर्चा करते हुए गांधी ने दावा किया कि फिंगर थ्री और फोर की जमीन चीन को दे दी गई क्योंकि भारत सरकार चीन के सामने खड़े नहीं हो सकती, इसके विपरीत किसानों को हर तरह से मारा जा रहा है. राहुल गांधी के राजस्थान दौरे के दौरान एक नजारा ऐसा भी दिखा जिसमें सभी की नज़रे राजस्थान के पूर्व उपमुख्यंत्री सचिन पायलट की तरफ थी ऐसा इसलिए क्यों कि पायलट को स्टेज पर सबसे अलग और साइड में बैठाया गया था.

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राजस्थान में राहुल गांधी के बाएं रहने वाले पायलट को इस बार फ्रंटलाइन से साइडलाइन कर दिया गया, इसका कारण पद का प्रोटोकॉल बताया जा रहा है. गहलोत मंच पर राहुल के बगल में दाईं ओर थे, जबकि बाईं ओर प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, अजय मकान को जगह मिली, इसके बाद चौथे नंबर पर पायलट को खाट पर बैठाया गया. अजय माकन के सम्बोधन के दौरान सचिन पायलट जिस खटिया पर बैठे थे, वह टूट गई जिससे पायलट के साथ मौजूद मोहन प्रकाश का संतुलन बिगड़ा गया. हालाँकि किसी को भी किसी प्रकार की चोट नहीं आई.

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