पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. दिल्ली सांसद मनोज तिवारी के सोनीपत के शेखपुरा में किक्रेट मैच के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री भी लॉकडाउन के नियमों को भूल ‘साइकिल गर्ल’ ज्योति कुमारी से मिलने पहुंचे और वो भी पूरे लाव-लश्कर के साथ. लॉकडाउन में गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 किलोमीटर दरभंगा लेकर पहुंची ज्योति कुमारी की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. ऐसे में बिहार सरकार में सह खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी भी अपने मन को न मना सके और अपने लश्कर के साथ ज्योति से मिलने पहुंच गए. वहां पहुंचते ही नीतीश सरकार के मंत्री सोशल डिस्टेन्सिंग और लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते नजर आए.
गौर करने वाली बात ये रही कि एक ओर जहां लॉकडाउन में ज्यादा भीड़ इक्ठ्ठी करने पर रोक और मास्क लगाने को अनिवार्य किया हुआ है, उसी कोरोना काल में मंत्री महोद्य की बिना मास्क और भीड़ के बीच तस्वीरे वायरल हो रही हैं. फोटो में उनके अगल बदल में काफी भीड़ भी दिख रही है. जब ज्योति अपने घायल पिता को साइकिल पर बिठा गुरुग्राम से निकली थी, तब उसकी दीन दिशा किसी ने पूछी न हो लेकिन ज्योति के पॉपुलर होने के बाद उसके घर नेताओं का तांता लगा है. ज्यादातर उसके घर आने वाले नेता सोशल डिस्टेंसिंग की भी परवाह नहीं करते.
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‘साइकिल गर्ल’ के नाम से सुर्खियों में आई ज्योति से मिलने मंत्री मदन सहनी भी मंगलवार को उसके घर पहुंचे लेकिन शायद अतिउत्साह में भूल गए कि देश में लॉकडाउन लागू है. धक्का-मुक्की के बीच मदन सहनी ने ज्योति से बात की और पूरे परिवार को नए कपड़े दिए. इस दौरान मंत्री महोद्य ने कहा कि सरकार के स्तर पर भी ज्योति की हर संभव मदद की जाएगी. यदि कभी भी ज्योति को किसी प्रकार की मदद की जरूरत होगी तो सरकार उसके पूरे परिवार के साथ खड़ी नजर आएगी.
बता दें कि साइकिल गर्ल के नाम से पॉपुलर हो चुकी 15 साल की ज्योति पिछले दिनों अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किमी से ज्यादा की दूरी 7 दिन में तय करके गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा पहुंची थी. ज्योति के पिता गुरुग्राम में रिक्शा चलाते थे और उनके दुर्घटना का शिकार होने के बाद वह अपनी मां और जीजा के साथ गुरुग्राम आई थी और फिर पिता की देखभाल के लिए वहीं रुक गई. इसी बीच कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की घोषणा हो गई और ज्योति के पिता का काम ठप्प पड़ गया. ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया और रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाकर अपने गांव पहुंची. उसके बाद ज्योति का हर तरीके से सम्मान किया जा रहा है.
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घर पहुंचकर कोई ज्योति को लड्डू खिला रहा है तो कोई उसे कपड़े गिफ्ट कर रहा है. बिहार के शिक्षा विभाग ने तो ज्योति को साइकिल और किताब कॉपी दी है और आगे की पढ़ाई के लिए उसका दाखिला भी कराया है. वहीं राष्ट्रीय साइकिलिंग अकादमी ने ज्योति को अपने संस्थान में ट्रेनिंग के लिए बुलाया है जहां उसका ट्रायल होगा. ज्योति की फैन तो खुद अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रम्प भी हो गई हैं. इवांका ने ट्वीट कर ज्योति के कारनामे का जिक्र किया. सोशल मीडिया पर ज्योति के साहस और कारनामे की जमकर तारीफ हो रही है.
इससे पहले रविवार को लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से हरियाणा का सफर तय करके सोनीपत के मैदान पर क्रिकेट खेलने पहुंचे दिल्ली सांसद मनोज तिवारी पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन का आरोप लगा है. मैदान पर सांसद महोद्य ने न तो मास्क लगाया और न ही अन्य नियमों को तव्जो देना उचित समझा. मैदान में सोशल डिस्टेन्सिंग की भी खुलकर धज्जियां उड़ी. मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है जिसमें दखल देते हुए जिला प्रशासन ने न सिर्फ क्रिकेट एकेडमी के एमडी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है, साथ ही खेल के वक्त मैदान में मौजूद रहने वाले सभी 188 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी भी दी है.