मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुदकुशी का प्रयास, डॉ. किरोडी मीणा और बेनीवाल ने साधा गहलोत पर निशाना

खुदकुशी का प्रयास करने वाले चेनाराम ने अपने पत्र में लिखा- 'मुझे बजरी माफियाओं व थानेदार द्वारा इतना प्रताडित किया गया है कि मैं तनाव नहीं झेल पा रहा हूं. मुझे आत्महत्या करनी पडेगी मैं मजबूर हूं. मैं सीएम हाउस आत्महत्या करने जा रहा हूं'

गहलोत
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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजधानी जयपुर में मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास के बाहर नागौर जिले से आए एक व्यक्ति ने बजरी माफियाओं और पुलिस तंत्र से परेशान होकर कीटनाशक पदार्थ खाकर खुदकुशी का प्रयास किया. इस व्यक्ति द्वारा खुदखुशी करने के प्रयास के दौरान सीएम निवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मियों ने उस व्यक्ति को देख लिया. इस घटना को देख सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय पुलिस थाने को सूचना देकर खुदखुशी करने वाले व्यक्ति को अचैत अवस्था में एमएमएस अस्पताल पहुंचाया. इस घटना को लेकर नागौर सांसद व रालोपा मुखिया हनुमान बेनीवाल और राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाना साधा.

सीएम निवास के समीप हुई इस घटना से प्रशासन के हाथ पैर फुल गए. घटना का पता चलता ही सीएम सिक्यूरिटी, इंटेलीजेंस और पुलिस कमिश्नरेट के स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीएम निवास के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों से खुदखुशी करने वाले व्यक्ति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जुटाई. इसके साथ ही अस्पताल पहुंचकर खुदखुशी का प्रयास करने वाले व्यक्ति से बातचीत की. प्राप्त जानकारी के अनुसार खुदखुशी का प्रयास करने वाले व्यक्ति का नाम चेनाराम माली है. वह नागौर जिले के रिया बाड़ी कस्बे का रहने वाला है और चेनाराम ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ का तहसील अध्यक्ष भी है.

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चेनाराम के पास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम एक ज्ञापन भी मिला है. इस ज्ञापन में लिखा है कि 18 मई को बजरी खनन माफिया से जुड़े बदमाशों ने उनपर जानलेवा हमला किया था. इसको लेकर चेनाराम ने पादूकलां थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इसके बाद मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने के लिए फिर से बजरी खनन माफियाओं ने 22 मई को उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद जब वह दुबारा हुई मारपीट की घटना में रिपोर्ट दर्ज करवाने वापस पादूकलां थाने पहुंचा तो थानाप्रभारी ने केस दर्ज करने से इंकार कर दिया.

चेनाराम ने अपने पत्र में लिखा है कि इस पूरी घटना की शिकायत उन्होंने पुलिस महानिदेशक जयपुर, रेंज आईजी अजमेर, नागौर एसपी, नागौर जिला कलेक्टर, पुलिस उपअधिक्षक डेगाना, एसडीएम रियाबाड़ी व अन्य अधिकारियों को व्हाट्सएप के जरिए भेजी. लेकिन इन बजरी माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. पीड़ित चेनाराम ने पत्र में आगे लिखा कि इस बीच पादूकलां थानाप्रभारी उसे धमकाता रहा. उसे मानसिक प्रताड़ित किया गया. मुझे इतना परेशान किया गया है कि मुझे आत्महत्या करने के लिए विवश कर दिया गया है. मेरे दो छोटे छोटे बच्चे भी है.

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खुदकुशी का प्रयास करने वाले चेनाराम ने आगे लिखा कि मेरा कुछ हो जाए तो मेरी मौत के जिम्मेदार ये लोग है. मैंने इन उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई थी. मुझे बजरी माफियाओं व थानेदार द्वारा इनता प्रताडित किया गया है कि मैं तनाव नहीं झेल पा रहा हूं. मुझे आत्महत्या करनी पडेगी मैं मजबूर हूं. मैं सीएम हाउस आत्महत्या करने जा रहा हूं.

इस घटना को लेकर नागौर सांसद व रालोपा मुख्यिा हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अशोक गहलोत जी नागौर जिले के उक्त व्यक्ति द्वारा लिखित नॉट वायरल हो रहा है. आखिर राजस्थान पुलिस के अजमेर रेंज में कार्यरत जिम्मेदारों से इनका भरोसा उठ गया और आत्महत्या करने का प्रयास सीएम आवास के बाहर उठाया. क्या इस प्रकरण में जिम्मेदारों पर कार्यवाही करोगे ?

राज्यसभा सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने कहा कि इससे अधिक शर्म की बात क्या होगी कि खनन माफिया के आतंक और पुलिस की प्रताड़ना से परेशान नागौर के एक व्यक्ति को सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास करना पड़ा. सरकार की अक्षमता की वजह से लोगों का कानून के ऊपर से भरोसा उठता जा रहा है.

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