Politalks.News/एमपी. मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को आज 100 दिन पूरे हो गए हैं. गुरुवार को शिवराज सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है. इससे पहले 23 मार्च को शिवराज सिंह ने अकेले मुख्यमंत्री और 21 अप्रैल को मिनी कैबिनेट में 5 सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी. एमपी की राजनीति में नई कैबिनेट में मंत्रियों के नामों को लेकर खींचतान तो साफ तौर पर देखी जा सकती है. बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज अपने करीबी और कुछ वरिष्ठ लोगों को मंत्रीमंडल में शामिल करना चाहते हैं लेकिन पार्टी संगठन का पक्ष नए चेहरों को मौका देने पर है. इन्हीं बातों को लेकर बुधवार को जब मीडिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि “विष तो शिव को ही पीना पड़ता है.”
देखा जाए तो शिवराज सिंह ने इशारों इशारों में अपने और संगठन के बीच मंत्रिमंडल की खींचतान पर आक्षेप किया है. शिवराज ने समुद्र मंथन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भी मंथन होता है, अमृत निकलता है. अमृत तो बंट जाता है लेकिन विष तो शिव ही पीते हैं. इससे साफ पता चलता है कि पार्टी में कुछ आला नेताओं के बीच कुछ तो पक रहा है. एमपी के गवर्नर लालजी टंड के स्वास्थ्य खराब होने की वजह से यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. वे ही कल शिवराज के नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगी. प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल ने आज आनंदीबेन पटेल को एमपी के राज्यपाल की शपथ दिलाई है.
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वहीं सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने पर भी बात चल रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे दोपहर में मंत्रिमंडल गठन का एक नया फाॅर्मूला लेकर भोपाल पहुंचे हैं. इस फाॅर्मूले के तहत मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने के साथ वरिष्ठ विधायकों को भी एडजस्ट किया जाएगा. सहस्त्रबुद्धे वरिष्ठ विधायकों को वन-टू-वन चर्चा करने के लिए पार्टी ऑफिस बुला सकते हैं.
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के विष वाले बयान को आधार बनाते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सिंह पर निशाना साधा और ट्वीटर पर भड़ास निकालते हुए तंज कसा कि मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा. उनका सीधा सीधा मतलब मंत्रीमंडल में आने वाले सिंधिया समर्थकों की ओर ही है.
मंथन इतना लंबा हो गया कि अमृत तो निकला नहीं , सिर्फ़ विष ही विष निकला है।
मंथन से निकले विष को तो अब रोज़ ही पीना पढ़ेगा क्योंकि अब तो कल से रोज़ मंथन करना पढ़ेगा।
अमृत के लिये तो अब तरसना ही तरसना पढ़ेगा।
इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पढ़ेगा।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 1, 2020
वहीं बची कुची कसर कमलनाथ ने सेवादल के कार्यक्रम में हुई पत्रकार वार्ता में पूरी कर दी. पत्रकारों से कमलनाथ ने कहा कि इतने समय बाद मंत्रिमंडल बनने जा रहा है, इसका भविष्य क्या होगा, ये तो आने वाला समय बताएगा. इसके पहले कलनाथ ने सेवा दल की बैठक में कहा कि सरकार जाने का दुख नहीं है, सरकार की नीतियों के रुक जाने का मलाल है. हमें उपचुनावों में सौदेबाजी को जवाब देना है. इसके लिए कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार रहें.
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वहीं सेवादल के नवनियुक्त अध्यक्ष रजनीश सिंह ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे कमलनाथ जी ने शपथ दिलायी. कमलनाथ जी इंदिरा जी के तीसरे पुत्र के रूप में जाने जाते हैं और 40 वर्षों से भी अधिक का उनका राजनीतिक सफर व अनुभव है.