प्रदेश के 10 नगर निगमों में से 7 पर महिलाओं का कब्जा, 196 निकाय प्रमुखों के लिए निकाली लॉटरी

प्रदेश के 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद और 152 नगर पालिकाओं के लिए खोली गई लॉटरी, जयपुर की दोनों सीटों पर महिला ओबीसी, जोधपुर की दोनों सीटों पर सामान्य महिला तो कोटा की एक सीट एससी महिला और एक सीट सामान्य वर्ग को

Heads of Bodies
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में होने वाले निकाय चुनावों में महापौर, सभापति और अध्यक्ष पद के लिए रविवार को स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर में लॉटरी निकाली गई. प्रदेश के 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद और 152 नगर पालिकाओं सहित सभी 196 निकाय प्रमुख (Heads of Bodies) लिए लॉटरी निकाली गई. जिसमें हाल ही में नवगठित जयपुर, कोटा, जोधपुर के दो-दो नगर निगमों के लिए भी लॉटरी निकाली गई.

प्रदेश की 10 नगर निगमों में से 7 की महापौर महिलाएं होंगी. जयपुर की दोनों नगर निगमों में महिला ओबीसी तो जोधपुर की दोनों नगर निगमों में महापौर सामान्य महिला होंगी. कोटा नगर निगम उत्तर की महापौर एससी महिला होगी, वहीं बीकानेर नगर निगम की महापौर सामान्य महिला और भरतपुर नगर निगम की एससी महिला तो वहीं अजमेर नगर निगम की एससी महिला महापौर होंगी. नवगठित नगर निगम कोटा दक्षिण सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होगा.

जयपुर शहर की दोनों निगमों में मेयर सीट पर ओबीसी महिला होगी, इसके तहत जयपुर ग्रेटर ओबीसी महिला, जयपुर हेरिटेज ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होगी. जयपुर हेरिटेज नगर निगम और जयपुर ग्रेटर नगर निगम की दोनों सीटों महिला ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद लॉटरी में पहुंचे महापौर विष्णु लाटा बीच में ही उठकर चले गए.

लॉटरी के तहत जयपुर संभाग के निकायों (Heads of Bodies) में किशनगढ़बास, सूरजगढ़, खेतड़ी, विद्याविहार, झुंझुनू, लोसल, नीमकाथाना, लालसोट, दौसा, फुलेरा, विराटनगर की सीट सामान्य महिला के आरक्षित तो वहीं थानागाजी, मंडावा ओबीसी के लिए आरक्षित, फतेहपुर शेखावाटी, खैरथल, महुआ, शाहपुरा, जयपुर हेरिटेज ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई.

इसी प्रकार अजमेर संभाग के निकायों में मालपुरा, टोडारायसिंह, गंगापुर, केकड़ी, परवतसर, शहपुरा, विजयनगर ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित तो वहीं डीडवाना, नागौर, सरवाड, मकराना, मुंडवा, उनियारा और नसीराबाद सामान्य वर्ग की महिला आरक्षित के लिए आरक्षित रखी गई है.

जोधपुर संभाग की कुल 26 निकायो के लिए निकाली गई लॉटरी में 04 एससी और एसटी के लिए, 05 ओबीसी के लिए और 17 सीट सामान्य वर्ग के हिस्से में आईं. वहीं जोधपुर संभाग में आबू रोड, पाली, बाली, पीपाड़सिटी, बाड़मेर ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित रखी गईं.

कोटा संभाग के 21 निकाय प्रमुख (Heads of Bodies) के लिए लॉटरी निकाली गई, इसमें 06 एससी, 04 ओबीसी और 11 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखी गईं. 11 सामान्य में से 7 सीट कोटा साउथ, भवानीमंडी, कैथून, छबड़ा, रामगंजमंडी, अंता, झालावाड़ की सीट सामान्य वर्ग के लिए और 4 सीट सांगोद, लाखेरी, बूंदी, झालरापाटन महिला सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखी गईं हैं.

इसी तरह भरतपुर संभाग के कुल 18 निकायों में से अनुसूचित जाति के 7, ओबीसी के 2, सामान्य वर्ग के लिए 3 निकाय प्रमुख होंगे आरक्षित रखे गए हैं.

उदयपुर संभाग के 22 निकाय प्रमुखों (Heads of Bodies) के लिए लॉटरी निकाली गयी इसमें 5 एसटी, 1 एससी, 5 ओबीसी और 11 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखी गईं. जिसमें प्रतापगढ़, उदयपुर, आमेट, राजसमंद, कपासन ओबीसी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित और प्रतापगढ़ व कपासन ओबीसी महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है.

इसी प्रकार बीकानेर संभाग के 30 निकाय प्रमुखों की लॉटरी निकाली गयी. जिनमें 7 निकायों बीकानेर, नोहर, श्रीगंगानगर, राजगढ़ (चूरू), केसरीसिंहपुर, सुजानगढ़,पदमपुर को सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया. वहीं रतनगढ़, रतननगर, बीदासर, भादरा, रायसिंहनगर, हनुमानगढ़, सरदारशहर, संगरिया, नोखा की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित रखी गई.

रविवार को राजधानी के स्वायत्त शासन भवन में प्रदेश के सभी 196 निकाय प्रमुखों के लिए वर्ग वार और महिला वर्ग के आरक्षण के निर्धारण के लिए यह लॉटरी निकाली गयी. लॉटरी के दौरान स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक, जयपुर विकास प्राधिकरण के सचिव, यूडीएच के वरिष्ठ संयुक्त विधि परामर्शी और कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.

बता दें जयपुर, जोधपुर व कोटा में दो-दो निगम बनाने की यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की घोषणा के बाद अब प्रदेश में 196 निकाय हो गये हैं. इनमें से 49 नगरीय निकायों (Heads of Bodies) में इसी साल नवंबर में चुनाव होंगे. जबकि नवगठित 3 नगर निगम सहित कुल छह नगर निगम के चुनाव 6 महीने के लिए स्थगित कर दिए गए है. यहां वार्डों के परिसीमन का काम अगले 3 से 4 महीने में पूरा करा लिया जाएगा. उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग इनकी मतदाता सूचियां तैयार कर आम चुनाव करा सकेगा. इस पूरी प्रक्रिया को सम्पन्न होने में कम से कम 6 महीने लगेंगे.

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