एक बार फिर सामने आई विश्वेन्द्र सिंह की नाराजगी, देर रात सीएम गहलोत को किए एक के बाद एक 9 ट्वीट्स

मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों की कार्यशैली पर फिर उठाए सवाल, सीएम गहलोत को ट्वीट्स कर कहा- मैं अब पर्यटन विभाग की कमियों को साझा करने के लिए हूं मजबूर

विश्वेन्द्र सिंह
विश्वेन्द्र सिंह

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राज्य सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह पिछले काफी समय से अपने ही विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से काफी परेशान है. इसको लेकर पहले भी कई बार मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है. इसके साथ ही मंत्री विश्वेंद्र सिंह अधिकारियों की मनमानी की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से शिकायत भी कर चुके हैं. अब एक बार फिर से मंत्री विश्वेंद्र सिंह अपने विभाग के अधिकारियों से नाराज है और मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी को सोशल मीडिया के जरिए जाहिर किया है.

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गुरूवार देर रात अपने ट्वीटर अकांउट से एक के बाद एक कई ट्वीट्स कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने ही महकमें के अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ट्वीट कर कहा कि मैंने बहुत लंबे समय तक, अपने स्वभाव और कार्य नैतिकता के खिलाफ जा कर बहुत सारी चीजों पर चुप्पी बनाए रखी थी लेकिन मेरे सीएम अशोक गहलोत ने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी की वकालत की है और मैं अब पर्यटन विभाग की कमियों को साझा करने के लिए मजबूर हूं.

मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आगे कहा कि विभाग के अधिकारी मेरे निरंतर प्रयासों और पहल के बावजूद, उच्च पर्यटन वृद्धि प्राप्त करने और नए उत्पादों को पेश करने के प्रति उदासीन हैं. पिछले डेढ़ वर्षों में विभाग एक नई टूरिज्म पोलिसी पेश करने में भी असमर्थ रहा है. यहां नए गाइड्स की कोई भर्ती नहीं हुई है और विभाग को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से एक भी स्वदेश दर्शन परियोजना नहीं मिल पाई है.

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मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि एक भी राज्य पर्यटन परियोजना का उद्घाटन नहीं किया गया है और न ही पर्यटन अधिकारियों की कोई नई भर्ती हुई है. दो एमडी बदले जाने के बावजूद, आरटीडीसी की पुनरुद्धार योजना का कोई ठिकाना नहीं है. विभाग की वित्तीय स्थिति बेहद चिंतनीय है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों के लिए कोई प्रशिक्षण या पुनर्विन्यास नहीं किया गया है.

अधिकारी इस बात को लेकर अंधेरे में हैं कि कोविड 19 के बाद पर्यटन पुनरुद्धार की दिशा में क्या होना चाहिए और इस संबंध में मेरे प्रयासों के बावजूद, निजी क्षेत्र से हितधारकों की भागीदारी को शामिल करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है. पर्यटकों के आगमन के आंकड़े पहले ही गंभीर रूप से गिर चुके हैं और राजस्थान में पर्यटन उद्योग की दुर्दशा लगातार बढ़ रही है, फिर भी अधिकारी आंखें मूंदे हैं.

मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपने अंतिम टवीट में कहा कि यह स्थिति पर्यटन विभाग की है जो की राजस्थान के सबसे अधिक प्रासंगिक विभागों में से एक है. अत: कुछ बदलाव लाने की जरूरत है. अशोक गहलोत जी मैं राजस्थान में पर्यटन और उससे सम्बंधित उद्योगों में लगे लाखों लोगों के हितों और आजीविका को बचाने के लिए निकट भविष्य में कुछ कठोर लेकिन आवश्यक फैसलों में आपके समर्थन के लिए तत्पर हूं.

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