आम आदमी के जान की कीमत को सस्ती समझने की भूल न करे सरकार: मायावती

बसपा सुप्रीमो ने कहा- भारत का अनुपम संविधान तो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा और उसके आत्म-सम्मान, स्वाभिमान के साथ जीने की जबर्दस्त मानवीय गारंटी देता है जिस पर सरकारों को सर्वाधिक ध्यान देना चाहिए

मायावती
मायावती

पॉलिटॉक्स न्यूज. यूपी की पूर्व सीएम और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अमेरिका में हो रहे प्रदर्शनों का उदाहरण देते हुए केंद्र सरकार को सिख लेने की सलाह दी है. मायावती ने कहा है कि सरकार आम आदमी के जान की कीमत को सस्ती समझने की भूल न करे. टवीटर पर टवीट करते हुए मायावती ने लिखा, ‘जार्ज फ्लायड की पुलिस के हाथों मौत के बाद ‘अश्वेतों की जिन्दगी की भी कीमत है’ को लेकर अमेरिका में हर जगह और विश्व के बड़े शहरों में भी इसके समर्थन में जो आंदोलन हो रहा है उसका पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश है कि आदमी के जीवन की कीमत है और इसको सस्ती समझने की भूल नहीं करनी चाहिए’.

बसपा प्रमुख ने कहा कि खासकर अपने भारत का अनुपम संविधान तो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सुरक्षा और उसके आत्म-सम्मान, स्वाभिमान के साथ जीने की जबर्दस्त मानवीय गारंटी देता है जिस पर सरकारों को सर्वाधिक ध्यान देना चाहिए. अगर ऐसा होता तो करोड़ों प्रवासी श्रमिकों को आज इतने बुरे दिन नहीं देखने पड़ते.

पूर्व सीएम ने कहा कि कोराेना के बढ़ते मरीजों और मौतों को लेकर केन्द्र और विभिन्न राज्यों के बीच तालमेल और सद्भावना के बजाय आरोप-प्रत्यारोप बढ़ता देखा गया. राज्यों की आपसी सीमाओं को सील करना अनुचित और कोरोना के विरूद्ध संकल्प को कमजोर करने वाला है। केन्द्र का प्रभावी हस्तक्षेप जरूरी है.

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