सांवेर में सिलावट Vs गुड्डू: ‘पंछी’ और ‘कौआ’ तक पहुंची नेताओं की जुबानी जंग, कौन मारेगा मैदान?

आम मुद्दों के सवालों पर बचते फिर रहे हैं सभी पार्टियों के उम्मीदवार, अपनी अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं लेकिन आम समस्याओं का नहीं हो रहा जिक्र, केवल हो रही है एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश

तुलसी सिलावट Vs प्रेमचंद गुड्डू
तुलसी सिलावट Vs प्रेमचंद गुड्डू

Politalks.News/MP. कहते हैं प्यार और जंग में सब कुछ जायज है. मध्यप्रदेश में भी कुछ ऐसा ही लग रहा है. यहां एक तरफ कुर्सी वापिस पाने की चाह है तो दूसरी तरफ सत्ता बचाने की जंग है. एमपी में कांग्रेस के विधायकों के दल बदलू होने यानि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इनमें से सांवेर विधानसभा सीट सबसे हॉट है जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया टीम के सेनापति और बिना विधायकी वर्तमान सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट नए ब्रांड नेम या​नि बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में सिलावट कांग्रेस के टिकट पर जीते और सरकार में मंत्री बने. सिलावट के सामने हैं कांग्रेस के उम्मीदवार प्रेमचंद गुड्डू.

दोनों के बीच की जुबानी जंग पंछी से लेकर कौआ और नोट, शराब, साड़ी, अंडे बांटे के आरोपों तक पहुंच चुकी है. हद तो तब हो गई जब कांग्रेस प्रत्याशी ने सिलावट के लिए कहा कि जिनके पास सगुन की थाली के लिए 21 और 51 रुपए नहीं होते थे, वे फाइव स्टार होटलों में रुपए खर्च कर रहे हैं.

मध्यप्रदेश से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
मध्यप्रदेश से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

तुलसी सिलावट और प्रेमचंद गुड्डू के बीच चुनावी जंग काफी तेज हो चुकी है. प्रेमचंद गुड्डू के लिए कमलनाथ जमकर पसीना बहा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सिलावट की जीत सिंधिया की नाक का सवाल बन गई है. दोनों गुरुवार को भारी लवाजमे के साथ नामांकन भरने पहुंचे. सिलावट जहां साइकिल पर नामांकन भरने पहुंचे, वहीं गुड्डू ढोल मजीरों के साथ पर्चा भरने पहुंचे. दोनों ने नामांकन दाखिल कर 100 फीसदी जीत का दावा किया. गौर करने वाली बात ये है कि इन दावों और आरोप-प्रत्यारोप के बीच असल मुद्दे गौण हो गए हैं और दोनों ही उम्मीदवार मुद्दों से जुड़े सवालों का जवाब देने से बचते फिर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: नेपानगर में भाजपा-कांग्रेस दोनों की राह हुई मुश्किल, बदल चुके हैं समीकरण

ताजा बयानबाजी पर एक नजर डालें तो ये दिया है कांग्रेस के सांवेर प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने. गुड्डू ने कहा, ‘जिनके पास पूजा की थाली में डालने के लिए 21 और 51 रुपए नहीं होते थे, वे आज फाइव स्टार होटलों में इतने रुपए खर्च कर रहे हैं. आज दारू से लेकर पैसा तक.. तमाम तरह की चीजें चल रही हैं. नोट, शराब, साड़ी, अंडे ये सब फेल होंगे और कांग्रेस यहां से जीत रही है.’

गुड्डू ने आगे कहा, ‘आज इंदौर और उज्जैन में कोई फाइव स्टार होटल खाली नहीं मिलेगा. की चारपाई से लेकर हर छोटे-मोटे ढाबे तक बुक चल रहे हैं, दारू से लेकर पैसा तक.. तमाम तरह की चीजें चल रही हैं. जितने भ्रष्ट, बेईमान, बिल्डर, अवैध खनन और अवैध धंधे करने वाले लोग उनके साथ में हैं लेकिन प्रजातंत्र को और जनतंत्र को इस तरीके से खरीदा नहीं जा सकता. यह करप्शन का पैसा है और कमलनाथ की सरकार गिराने के लिए जो करोड़ों रुपया लिए गए हैं, वह स्पष्ट दिख रहा है.’

बिहार से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
बिहार से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

इससे पहले सांवेर के बीजेपी प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने गुड्डू के लिए कहा, ‘एक पंछी को 22 साल बाद फिर से सांवेर की आबो-हवा याद आई है. इतने समय तक वे कहां थे. अब चुनाव आए तो सांवेर और वहां की जनता की याद आई. जनता सब समझती है. कांग्रेस जमीन पर आ गई है. पहले कर्जमाफी का झूठ बोल चुके हैं.’

इसके जवाब में गुड्डू ने कहा, ‘जो मुझे पंछी कह रहे हैं, वो तो कौआ हैं. एक ऐसा कौआ हैं, जो जाकर गंदगी पर बैठता है. इनकी शुरू से आदत और चरित्र यही रहा है. उनके (सिलावट) इस चरित्र को सांवेर की जनता अच्छी तरह से जानती है. आने वाले चुनाव में जनता उन्हें इस बात का जवाब देगी.’

यह भी पढ़ें: ‘गद्दार-वफादार’ जैसे बयानों के बीच गौण हुए स्थानीय मुद्दे, तेज हुई ओछी बयानबाजी

तुलसी सिलावट की नामांकन रैली में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने तो हद ही पार कर दी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को चुन्नू-मुन्नू की जोड़ी ही बता दी. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दोनों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सिंधिया जैसे ही मोदी की ट्रेन में बैठे चुन्नू-मुन्नू की दुकान बंद हो गई. आलू डालकर सोना निकालने वाले पप्पू ने 8 दिन में कर्ज माफी की बात कही थी, लेकिन नहीं की. अब बताओ गद्दार कौन है.’

इस बयान पर कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘मुन्नू को संभाग की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वे अपने नन्नू काे जीताने में लगे रहे. बाकी जगह पार्टी को हरवा दिया.

Leave a Reply