स्वामी रामदेव की जीवनी | Swami Ramdev Biography in Hindi

swami ramdev biography in hindi
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Swami Ramdev Latest News – स्वामी रामदेव भारत के सुप्रसिद्ध योगगुरु और व्यवसायी हैं. वे पतंजलि आयुर्वेद और पतंजलि योगपीठ के प्रमुख भी है. वे पतंजलि योगपीठ के कुलपति है. इन सब के बीच स्वामी रामदेव एक संत, योगी और सन्याशी भी है. ब्रह्मचारी जीवन जीवन जीने वाले स्वामी रामदेव ने जीवन में बहुत संघर्ष किया है और आज भी वे सादा जीवन जीते है. स्वामी रामदेव भारतीय जनता पार्टी से भी जुड़े रहे है और उनके हिंदुत्व व स्वदेशीकरण वाले विचार को पुरे देश में सम्मान के साथ देखा जाता है. भारत में योग और आयुर्वेद को एक नयी पहचान देने में स्वामी रामदेव की भूमिका अद्वितीय कही जा सकती है. इस लेख में हम आपको स्वामी रामदेव की जीवनी (Swami Ramdev Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

स्वामी रामदेव की जीवनी (Swami Ramdev Biography in Hindi)

असली नाम राम किसन यादव
उम्र 59 साल
जन्म तारीख 25 दिसंबर 1965
जन्म स्थान हरियाणा के महेंद्रगढ़
शिक्षा गुरुकुल शिक्षा
कॉलेज
वर्तमान पद पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक, पतंजलि योगपीठ, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट
व्यवसाय योग, शिक्षक, व्यापारी
राजनीतिक दल
वैवाहिक स्थिति ब्रह्मचारी
पिता का नाम राम निवास
माता का नाम गुलाबो देवी
पत्नी का नाम
भाई-बहन एक बड़ा भाई, एक छोटा भाई और एक छोटी बहन
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता Delhi-Haridwar National Highway, Near Bahadarbad, Haridwar-
वर्तमान पता
फोन नंबर +91-1334-240008, 244107, 246737
ईमेल divyayoga@divyayoga.com

स्वामी रामदेव का जन्म और परिवार (Swami Ramdev Birth & Family)

स्वामी रामदेव जन्म 1965 से 1975 के बीच हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के अलीपुर गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था. स्वामी रामदेव का मूल नाम राम किसन यादव था पर अब वो वर्तमान नाम से ही जाने जाते है.

उनके पिता का नाम राम निवास था तो उनकी माता का नाम गुलाबो देवी था. रामदेव चार भाई बहनो में बीच के है. उनका एक बड़ा भाई, एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है. बाबा रामदेव बाल ब्रह्मचारी है. उन्होंने विवाह नहीं किया है. बाबा रामदेव हिन्दू है और जाति से यादव है.

स्वामी रामदेव की शिक्षा (Swami Ramdev Education)

स्वामी रामदेव ने शुरूआती पढाई हरियाणा के शाहबाजपुर में एक सरकारी स्कूल से की पर जल्द ही उन्हें अंग्रेजी शिक्षा से चिढ हो गई और बाद में उन्होंने स्कूल छोड़ दी. स्कूल छोड़कर गुरुकुल से शिक्षा लेने के लिए कलवा चले गए. यहीं पर बाबा रामदेव की मुलाकात बालकृष्ण से हुई जिन्होंने आगे चलकर उनके साथ काम आरम्भ किया. इसी शिक्षा लेने के क्रम में उन्होंने संस्कृत भाषा और साहित्य, हिंदू दार्शनिक और धार्मिक ग्रंथों सहित योग और तप की परंपराओं का अध्ययन किया.

स्वामी रामदेव का करियर (Swami Ramdev Career)

स्वामी रामदेव पढ़ाई के बाद, जो 1992 में पूरी हुई थी, कृपालु बाग आश्रम में रहने के लिए हरिद्वार चले गए. वहां जाकर उन्होंने आचार्य करमवीर से योग सीखा. वही रहते हुए उन्होंने जीवन में त्याग और सन्यास को अपना लिया. उसी के बाद रामदेव अपने गुरुदेव करमवीर के साथ मिलकर पूरे भारत में योग शिविर का आयोजित किया और हरिद्वार में च्यवनप्राश बनाने का काम किया. उसी के बाद 5 जनवरी 1995 को बालकृष्ण, रामदेव और आचार्य कर्मवीर ने साथ मिलकर हरिद्वार के कृपालु बाग आश्रम में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की. इसी योग मंदिर ट्रस्ट के द्वारा योग की शिक्षा के साथ ही एक आयुर्वेदिक फार्मेसी की भी स्थापना की.

स्वामी रामदेव का पतंजलि के साथ एवं योगगुरु के तौर पर कैरियर

स्वामी रामदेव ने बालकृष्ण के साथ मिलकर हरिद्वार में वर्ष 2006 में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी की स्थापना की. यह कंपनी मूल रूप से एक उपभोक्ता पैकेज्ड गुड्स कंपनी है और इसका उद्देश्य स्वदेशी को अपनाना है. इस कंपनी के सीईओ स्वामी बालकृष्ण है जबकि रामदेव कंपनी को पहचान दिलाने वाले चेहरा है. वैसे स्वामी रामदेव के परिवार भी कंपनी के मुख्य भूमिका निभा रहे है. उनके छोटे भाई राम भरत कंपनी के सीईओ बालकृष्ण के सलाहकार तौर पर है.

स्वामी रामदेव के देखरेख में योग के लिए पतंजलि योगपीठ की स्थापना की कई है. यह उत्तराखंड हरिद्वार में स्थित है. पतंजलि योगपीठ की शाखा विदेशो में भी है. इनमें अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, नेपाल और मॉरीशस मुख्य रूप से शामिल है. स्वामी रामदेव पतंजलि योगपीठ के कुलपति हैं. यह पीठ मुख्यरूप से योग एवं आयुर्वेद के प्रचार व अभ्यास के लिए समर्पित है.

मार्च 2018 में सभी जातियों के 92 विद्वानों को हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ के द्वारा स्वामी रामदेव ने संन्यासी के तौर पर दीक्षित किया गया था. बाबा रामदेव द्वारा दीक्षित संन्यासियों ने पतंजलि योगपीठ में कम से कम सात वर्षों तक हिंदू धर्मग्रंथों का अध्ययन किया था और उनमें से कई के पास विश्वविद्यालयों से डिग्रियां भी थी. बाद के वर्षो में स्वामी रामदेव ने घोषणा कि संन्यासी पतंजलि योगपीठ और दिव्य योग मंदिर के ट्रस्टी के रूप में काम करेंगे.

टीवी पर सबसे लोकप्रिय और चहेते योग गुरु

स्वामी रामदेव टीवी पर दिखने वाले सबसे चहेते संत है. बाबा रामदेव ने सबसे पहले वर्ष 2002 में ‘संस्कार टीवी’ के साथ योग गुरु के रूप में टीवी पर आये थे. बाद के वर्षो में वे विभिन्न चैनल पर दिखने लगे. वर्ष 2003 में बाबा को आस्था टीवी ने मौका दिया. इसी के बाद उन्हें देश विदेश में पहचान मिलने लगी और लोग रामदेव को स्वामी रामदेव के नाम से जानने लग गए और उन्हें देश विदेश में एक योगगुरु कि पहचान मिल गई.

इसी के बाद उनके योग शिविर देश विदेश में लगने लगे. फिर उनकी जीवनचर्या बहुत ही व्यस्त हो गई. बड़ी संख्या में विदशो से भी लोग उनसे शिक्षा लेकर उनके शिष्य बनने लगे.  धीरे धीरे योगगुरु रामदेव राष्ट्रीय मीडिया के भी बड़े चेहरे बन गए.

प्रधानमंत्री मोदी का स्वामी रामदेव के साथ अच्छा संबंध है. स्वामी रामदेव ने पीएम मोदी के कई मिशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाबा रामदेव अक्टूबर 2014 में प्रधान मंत्री मोदी द्वारा स्वच्छ भारत मिशन शुरू होने पर स्वच्छता के संदेश को बढ़ावा देने और भाग लेने के लिए आमंत्रित नौ हस्तियों में से एक थे.

इस लेख में हमने आपको रामदेव की जीवनी (Swami Ramdev Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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