आंतरिक कलह से त्रस्त कांग्रेस में बड़े फेरबदल की आशंका के बीच सोनिया ने बुलाई शीर्ष नेताओं की अहम बैठक

कल से शुरू हो रहा बैठकों का दौर अगले कुछ दिन तक चलेगा, कांग्रेस के देश भर में गिरते प्रदर्शन को लेकर भी इन बैठकों में बनाई जायेगी रणनीति, सोनिया गाँधी को पत्र लिखने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं को भी बुलाया गया है बैठक में, ऐसे में यह बैठक कई मायनों में मानी जा रही है अहम

सोनिया ने बुलाई शीर्ष नेताओं की अहम बैठक
सोनिया ने बुलाई शीर्ष नेताओं की अहम बैठक

Politalks.News/Delhi/Congress. कांग्रेस की आंतरिक कलह रुक रुक कर कई मौकों पर बाहर निकलती रही है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पूर्व में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा चुके है. अब सोनिया गाँधी इस आंतरिक कलह पर विराम लगाने को लेकर आतुर है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने आंतरिक कलह और अध्यक्ष के चुनाव की चुनौतियों को देखते हुए शनिवार को शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाई है और ये बैठक कुछ समय तक निरंतर चलती रहेगी. कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस के देश भर में गिरते प्रदर्शन को लेकर भी इन बैठकों में रणनीति बनाई जायेगी. इस बैठक में सोनिया गाँधी को पत्र लिखने वाले पार्टी के असंतुष्ट 23 नेताओं को भी बुलाया गया है, ऐसे में यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है.

19 दिसंबर से शुरू हो रहा बैठकों का दौर अगले कुछ दिन तक चलेगा. बैठक के दौरान सोनिया गाँधी कांग्रेस नेताओं से वन टू वन मुलाकात करेगी. बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीतियों एवं किसान मुद्दे पर चर्चा के लिए कई किसान नेताओं को भी इस बैठक में बुलाया जाएगा.

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कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के नए अध्यक्ष की चयन की तारीख से पहले सोनिया कांग्रेस में चल रही उठापठक को थामने का काम करेगी. गौरतलब है कि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकश्त के बाद राहुल गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि अब कांग्रेस की कमान कोई गैर गांधी संभालें. जिसके बाद कई दिनों तक कांग्रेस को कोई नया अध्यक्ष नहीं मिल पाया और आनन फानन में सोनिया गाँधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. बीते एक साल में कांग्रेस के गिरते प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष को पत्र लिख नाराजगी जाहिर की थी. उसके बाद से कांग्रेस में आंतरिक कलह समय समय पर सामने आती रही हैं.

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19 दिसंबर को बुलाई गई बैठक को संज्ञान में रखते हुए सोनिया गाँधी चाहती हैं कि जनवरी में होने वाले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले पार्टी में सामंजस्य स्थापित किया जाए. जानकार सूत्रों कि माने तो पार्टी हलकों के अनुसार राहुल गाँधी की अध्यक्ष के रूप में ताजपोषी फिर से की जा सकती हैं और इसीलिए सोनिया गाँधी अब एक्टिव मोड में आ गई हैं. क्योंकि सोनिया ये कभी नहीं चाहेगी की कांग्रेस अध्यक्ष किसी गैर गाँधी परिवार से हो. लेकिन पार्टी का असंतुष्ट खेमा आज भी नहीं चाहता कि राहुल गाँधी को अध्यक्ष बनाया जाए और अपनी इस रणनीति पर काम भी कर रहा हैं .

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हालाँकि सोनिया गाँधी पार्टी बैठक से अलग गुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सरीखे नेताओं से अकेले में मुलाक़ात कर अंधरुनि उठापटक को थामने की कोशिश करेगी. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के असंतुष्ट नेता हाईकमान की सिरदर्दी बढ़ा रखी हैं. असंतुष्ट नेताओं से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इन नेताओं से मुलाक़ात की थी और उनकी मांगो को वाजिब ठहराया था. हालाँकि कमलनाथ, अशोक गहलोत सरीखे नेता हैं, जो कांग्रेस आलकमान के खिलाफ कभी नहीं जाएंगे, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर बेबाकी से अपनी राय जरूर रखेंगे.

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