पंजाब में ‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम लागू करवा सिद्धू ने एक वार से कई दिग्गजों को दी पटखनी

पार्टी के फैसले से पंजाब में उन नेताओं को बड़ा झटका लगा है जो अपने परिवार के सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे थे, टिकट फॉर्मूले के अलावा यह भी तय किया गया कि मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदल सकेंगे, अगले सप्ताह होने वाली बकेंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद 30 से 35 उम्मीदवारों का हो सकता है ऐलान

सिद्धू ने साधे एक तीर से कई निशाने
सिद्धू ने साधे एक तीर से कई निशाने

Politalks.News/PunjabElection. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी अंदरूनी खींचतान के बीच अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर पार्टी ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जो आने वाले समय में पार्टी में आंतरिक कलह को बढ़ावा देने वाले साबित होंगे. गुरुवार रात को कांग्रेस महासचिव अजय माकन (Ajay Makan) की लीडरशिप में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पंजाब में आने वाले चुनाव के अंदर कांग्रेस ने ‘एक परिवार एक टिकट’ का फॉर्म्यूला लागू कर दिया है. इसके अलावा कांग्रेस की ओर से नियुक्त स्क्रीनिंग कमिटी ने एक और फैसला लिया है, जिसके तहत मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदल सकते हैं. जानकारों की मानें तो इन फैसलों के पीछे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) का ही दिमाग माना जा रहा है, जिन्होंने फिर से एक तीर से कई निशाने साधे हैं. पार्टी के फैसले से पंजाब में उन नेताओं को बड़ा झटका लगा है जो अपने परिवार के सदस्यों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे थे.

 

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चन्नी सहित कई बड़े नेताओं को लगा बड़ा झटका
आपको बता दें, ‘एक परिवार एक टिकट’ का नियम लागू होने से पहला झटका पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi) को लगने वाला है. कहा जा रहा है कि चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह बस्सी पठाना से चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रहे थे. इसके अलावा विधायक कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत अपने बेटे को सुल्तानपुर लोधी सीट से उतारना चाहते थे. यही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी अपने भाई के लिए बैटिंग करने की तैयारी में थे, तो वहीं वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्टल और ब्रह्म मोहिंद्रा भी अपने बेटों को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो सिद्धू ने जोर देकर इस फैसले को लागू करवाया है और इस तरह सिद्धू ने एक तीर से चन्नी सहित कई बड़े दिग्गज़ों को पटखनी दे दी है.

मौजूदा विधायक नहीं बदल सकेंगे सीट
कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त स्क्रीनिंग कमेटी की कांग्रेस महासचिव अजय माकन के नेतृत्व में गुरुवार रात हुई बैठक में एक परिवार एक टिकट फॉर्मूले के अलावा यह भी तय किया गया कि मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदल सकेंगे. पार्टी के इस फैसले से भी उन बड़े दिग्गजों को झटका लगा है जो क्षेत्रीय नाराजगी के चलते अपना इलाका बदलकर दूसरे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. हालांकि इस फैसले से उन नेताओं और कार्यकताओं को खुशी है जो वर्षों से अपने क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत रहते हैं और लास्ट समय में उनके क्षेत्र से दूसरा हेलीकॉप्टर उम्मीदवार को टिकट दे दिया जाता था, अब ऐसा नहीं होगा.

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30 से 35 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान जल्द
पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने विधानसभा टिकटों को लेकर भी बड़ी तैयारी कर ली है. प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी के मुताबिक प्रदेश की कुल 117 सीटों में से 90 पर सहमति बन चुकी है. पार्टी ने जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए सर्वेक्षण भी कराया है. इस सर्वेक्षण में पता चला है कि कुछ मंत्री ऐसे हैं, जो आसानी से एक बार फिर चुनाव जीतने की स्थिति में हैं. सूत्रों के मुताबिक अगले सप्ताह केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हो सकती है, जिसके बाद 30 से 35 उम्मीदवारों का ऐलान किया जा सकता है.

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