‘कहते हैं भगवा उतारेंगे!…प्रयास करके तो देखो!’ शिवसेना ने बीजेपी को दिया खुला चैलेंज

मुंबई में शुद्ध भगवा लहराने के बीजेपी के बयान पर ​शिवसेना ने जताई नाराजगी, शुद्ध भगवा का मतलब पूछा, सामना के जरिए शिवसेना ने कहा- बीजेपी और शिवसेना के साथ से पहले मुंबई में लहरा रहा है भगवा, हाथ लगाओगे तो जल जाओगे

Uddhav Thackeray In Saamana
Uddhav Thackeray In Saamana

Politalks.News/Maharashtra/ShivSena. महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव जीतकर मुंबई में शुद्ध भगवा लहराने संबंधी बीजेपी की ओर से आए बयान को लेकर शिवसेना ने तंज कसा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय कॉलम के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है. सामना के संपादकीय में लिखा है कि मुंबई जीतने का निश्चय बीजेपी ने किया है. बीजेपी ने ऐसा तय किया है कि इस बार मुंबई महानगरपालिका पर शुद्ध भगवा लहराएंगे. अब यह शुद्ध भगवा मतलब निश्चित तौर पर क्या मामला है?

संपादकीय में बीजेपी के इस बयान को अचेत अवस्था में दिया गया बयान बताया है. सामना में लिखा कि बिहार का चुनाव बीजेपी ने जीत लिया है लेकिन उसे जीतने में उनका कैसा दम निकला, यह देश ने देखा है. बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस थे इसलिए जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना ही फडणवीस को भी जाता है. संपादकीय में सवाल किया गया है कि बिहार की जीत से बीजेपी का निश्चित तौर पर कौन-सा झंडा पटना पर लहरा रहा है? विचारों का झंडा एक ही होता है. बिहार पर भगवा लहराएंगे या भगवा फहरा दिया. ऐसा बयान बीजेपी नेताओं ने दिया था, ऐसा याद नहीं आता क्योंकि भगवा से उनका वैसे कोई संबंध नहीं है.

सामना के आगे लिखा, “शिवसेना से गठबंधन के बाद बीजेपी का भगवा से संबंध जुड़ा. मुंबई में भगवा तब से लहरा रहा है, जब बीजेपी और शिवसेना साथ नहीं थे. यह भगवा शुद्ध, तेजस्वी और प्रभावी है. यह भगवा छत्रपति शिवाजी महाराज का है. बीजेपी में उनके यहां कोई शिवाजी की बराबरी का तैयार हो गया होगा और उन्होंने उनका अलग भगवान तैयार किया होगा. यह उनकी समस्या है. शिवाजी के सातारा और कोल्हापुर की गद्दी के वंशज बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन भगवा का स्वामित्व महाराष्ट्र भूमिपुत्रों के पास ही है. यह भगवा उतारकर अलग झंडा लहराना महाराष्ट्र से और छत्रपति शिवाजी से छल होगा. बीएमसी से भगवा उतारने की बात करना मतलब मुंबई से महाराष्ट्र का अधिकार नकारने जैसा ही है. भगवा उतारने का मतलब मुंबई को फिर से पूंजीपतियों का निवाला बनाकर भूमिपुत्रों, श्रमिक, मजदूरों को गुलाम बनाने जैसा ही है.”

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सामना के संपादकीय में बीएमसी से भगवा उतारने की बात करने को देश के प्रखर हिंदुत्व का अपमान बताया है. शिवसेना ने कहा कि जब तक बीएमसी पर भगवा है, तब तक महाराष्ट्र के दुश्मनों के पाशवी हाथ मुंबई की गर्दन तक नहीं पहुंच सकते. लेख में आगे लिखा है कि मुंबई को पूंजीपतियों की बुटीक बनने से रोकने का काम इसी भगवे ने किया है. मुंबई पर से भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा, वे राजनीति और सार्वजनिक जीवन से हमेशा के लिए नेस्तनाबूत हो गए. भगवा शुद्ध है. शिवसेना ने चेताते हुए कहा कि भगवा को हाथ लगाओगे तो जलकर खाक हो जाओगे. इतिहास के पन्ने-पन्ने में यह दर्ज है. बीएमसी पर नई ईस्ट इंडिया कंपनी का ‘यूनियन जैक’ फहराने की बात करनेवालों को यह भूलना नहीं चाहिए.

संपादकीय में पुराने इतिहास का जिक्र करते हुए लिखा कि मुंबई पर से भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा, वे राजनीति और सार्वजनिक जीवन से हमेशा के लिए नेस्तनाबूत हो गए. बाला नातू और चिंटू पटवर्धन इन पेशवाओं ने लालमहल पर से भगवा उतारकर अंग्रेजों का यूनियन जैक लहराया था. भगवा को नीचे उतारते समय टोली के चेहरे पर एक प्रकार का आसुरी आनंद दिख रहा था. भगवा उतरते देखकर, समस्त पुणेकर, देश दुख से गर्दन झुकाकर तड़प रहा था लेकिन कुछ लोग अति आनंद से मदहोश हो गए थे. इस मदहोश टोली के वारिसों को मुंबई महानगरपालिका पर से भगवा उतारने की कुबुद्धि सूझी होगी तो उस कुबुद्धि का मकबरा बनाकर मुंबई की जनता उस पर भी भगवा लहरा देगी.

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शिवसेना ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका पर का भगवा महाराष्ट्र की अस्मिता का तेज है. भूगर्भ में प्रचंड उथल-पुथल उत्पन्न करके पृथ्वी के तप्त अंत:करण से लावा बाहर निकला और शांत हो गया. उसी उथल-पुथल से मुंबई का जन्म हुआ. मुंबई मतलब सदैव खौलनेवाली अग्नि है और इसी अग्नि का रंग भगवा है.

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