विपक्ष के साथ साथ एक बार फिर अपनों के निशाने पर कांग्रेस की गहलोत सरकार, 81 कांग्रेस व समर्थित विधायकों के इस्तीफे को लेकर जहां विधानसभा में भाजपा घेर रही है गहलोत सरकार को, तो वहीं सदन के बाहर पूर्व स्पीकर और सचिन पायलट समर्थक विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले को लेकर उठाए सवाल, मीडिया के सवाल पर जवाब देते हुए दीपेंद्र सिंह ने कहा- मैं नहीं जानता कि विधायकों पर इस्तीफे देने का किसका था दबाव, लेकिन अगर कोर्ट में एफिडेविट दिया गया है तो फिर है यह जांच का विषय, कांग्रेस आलाकमान को करनी चाहिए इसकी जांच,’ शेखावत ने दावा किया कि अगर इस्तीफे कर लिए जाते स्वीकार तो गिर सकती थी सरकार, हालांकि अब इस प्रकरण से पार्टी को नहीं होगा कोई नुकसान, क्योंकि अब सेटल हो गया है यह मामला, लेकिन अगर इस्तीफे स्वीकार हो जाते तो राजस्थान में गिर जाती कांग्रेस की सरकार,’ शेखावत ने कहा- जो सदस्य विधानसभा में चुनकर आता है वो नहीं आता है किसी दबाव में और करता है अपने विवेक से काम, नियमों में यहां तक प्रावधान है कि अगर दबाव, प्रलोभन हो तोयह है कानून का उल्लंघन, हम लोगों पर नहीं था कोई दबाव, हम तो विधायक दल की बैठक में शामिल होने गए थे मुख्यमंत्री के आवास पर गए