विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की खबरें अफवाह, बीजेपी के विधायक हमारे संपर्क में: एनसीपी

लंबे समय से उठ रही थी विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की खबरें, खबरों को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया मंत्री नवाब मलिक ने, संपर्क में आ रहे बीजेपी नेताओं के नाम जल्दी सार्वजनिक करने को कहा

देवेंद्र फडणवीस और नवाब मलिक (एनसीपी)
देवेंद्र फडणवीस और नवाब मलिक (एनसीपी)

PoliTalks.news/Maharashtra. मध्यप्रदेश में सरकार के तख्ता पलट के बाद राजस्थान में भी कथित तौर पर बीजेपी द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग और सरकार पलटने की कोशिश की जा रही है. राजस्थान के बाद अगला निशाना महाराष्ट्र पर होगा जहां शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की तीन पहियों वाली महाविकास अघाड़ी सरकार चल रही है. उद्धव ठाकरे इस गठबंधन सरकार के मुखिया यानि मुख्यमंत्री हैं. महाराष्ट्र में सियासी गलियारों में लगातार खबर आ रही है कि एनसीपी के 12 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. यह खबर इसलिए भी लोगों के गले उतर रही है क्योंकि बीजेपी ने शिवसेना के साथ सरकार बनाने को पहले ही हामी भर दी है और कांग्रेस के बयानों को हवा भी दे रही है. हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार पर किसी भी खतरे से इनकार किया है.

इसी बीच गठबंधन सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की खबरों को अफवाह बताते हुए कहा कि उलटा बीजेपी के विधायक हमारे संपर्क में हैं. उनके बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीति एक बार फिर एक्शन में आ गई है.

कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की गठबंधन सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने इस मसले पर कहा है कि कुछ लोग 12 एनसीपी विधायकों के बीजेपी में जाने की अफवाह फैला रहें है, यह बेबुनियाद और मनगढ़ंत खबर है. नवाब मलिक ने ये भी दावा किया कि बीजेपी के विधायक उनके संपर्क में हैं. उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले बीजेपी में गए विधायक एनसीपी में लौटने के लिए आतुर हैं लेकिन इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. नवाब मलिक ने कहा कि इस पर जल्द फैसला कर जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.

यह भी पढ़ें: सुशांत मामले में अब संजय राउत की भी एंट्री, सुशांत-अंकिता के रिश्तें की जांच की मांग

बता दें कि अक्टूबर, 2019 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए थे. नतीजों के बाद किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया था. लिहाजा, बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर गुपचुप तरीके से सीएम पद की शपथ ले ली थी. इसके बाद बवाल हुआ तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पार्टी की कमान संभाली और न केवल अजित पवार सहित सभी एनसीपी विधायकों को वापिस ले आए, साथ ही विरोधी विचारधाराओं वाली शिवसेना और कांग्रेस को करीब लाकर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का गठजोड़ कर महाविकास अघाड़ी सरकार का गठन किया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को गठबंधन का मुखिया चुन मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा गया.

त्रिगुट सरकार बनने के बाद से ही इस गठबंधन को लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाएं सामने आती रहती हैं. कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं में आपसी खींचतान बीच बीच में देखने को मिल जाती है और बीजेपी उस चिंगारी में घी डालने का काम बखूबी करती है. नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस जल्दी ही सरकार के गिरने का दावा कई बार ठोक चुके हैं. वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चेतावनी भरे अंदाज में यहां तक कह चुके हैं कि अगर बीजेपी को उनकी सरकार गिरानी है गिराए, मैं देखूंगा. इन सभी सियासी हलचलों के बीच एनसीपी नेता का बीजेपी के विधायकों के संपर्क में होने का बयान सियासत को गर्माने वाला लग रहा है.

Leave a Reply