रोहिणी घावरी की जीवनी | Rohini Ghavari Biography in Hindi

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रोहिणी घावरी की जीवनी (Rohini Ghavari Biography in Hindi)

Rohini Ghavari Latest News – दो वर्ष पहले जिनेवा में पीएचडी की छात्रा रोहिणी घावरी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 52वें अधिवेशन में अपने भाषण को लेकर चर्चा का बिषय बनी थी. उनके चर्चा बनने का एक कारण उनका फैमिली बैकग्राउंड भी है. वे इंदौर के एक सफाई कर्मचारी की बेटी हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की खुलकर प्रसंशा की थी. उन्होंने कहा था कि भारत के राष्ट्रपति आदिवासी समुदाय से आती, जबकि प्रधानमंत्री ओबीसी समुदाय से हैं. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान इतना मजबूत है कि पिछड़ी जातियों के लोग देश का नेतृत्व कर सकते हैं और हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में पढ़ सकते हैं. उन्होंने अपने भाषण में वहां उपस्थित लोगो को बताया था कि उन्हें भारत सरकार से 1 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मिली है. उन दिनों तो वह अपनी छात्रवृति और भाषण को लेकर चर्चा में थी पर इस समय वह किसी और कारण से चर्चा में है. इस लेख में हम आपको रोहिणी घावरी की जीवनी (Rohini Ghavari Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

रोहिणी घावरी का जन्म और परिवार (Rohini Ghavari Birth & Family)

रोहिणी घावरी मूलरूप से मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली है. उनके पिता एक सफाई कर्मी है. उनके पिता इंदौर के एक बीमा अस्पताल में सफाईकर्मी का काम करते है.

रोहिणी घावरी धर्म से हिन्दू है और जाति से (बाल्मीकि समाज) दलित है.

रोहिणी घावरी की शिक्षा (Rohini Ghavari Education)

रोहिणी घावरी ने शुरूआती पढाई मध्यप्रदेश की थी. बाद में उन्होंने मध्यप्रदेश के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से विदेश व्यापार प्रबंधन में बीए किया था. बाद में उन्होंने मार्केटिंग में एमबीए किया. इसी के बाद रोहिणी को स्विट्जरलैंड के स्विस स्कूल ऑफ बिजनेस मैनजमेंट में व्यापार प्रबंधन में एडमिशन मिला. इसी के बाद रोहिणी घावरी 2019 में उच्च शिक्षा के लिए स्विट्जरलैंड गई थी. उन्हें तब भारत सरकार की ओर से छात्रवृति के तौर पर एक करोड़ की धनराशि मिली थी. वहां से पीएचडी करने के नाम पर रोहिणी ने भारत सरकार से इतनी बड़ी छात्रवृति हासिल की थी.

रोहिणी घावरी पढाई के दौरान ही चद्रशेखर के सम्पर्क में आयी थी. डॉ रोहिणी घावरी पिछड़ी जाति से है और इसी कारण उन्हें भारत सरकार से इतनी बड़ी स्कॉलरशिप मिल गई. विदेश में रहकर पढाई के दौरान ही वह यूपी के नगीना से सांसद और दलित समाज के तथाकथित नेता चद्रशेखर के सम्पर्क में आयी थी. बताया जाता है वह चंद्रशेकर से तब जुडी थी जब वह दलित आंदोलन में सक्रिय हुई थी. फिर दोनों धीरे धीरे करीब आये. दोनों के रिश्ते आगे बढ़ते गए पर कुछ समय बाद चद्रशेखर की ओर से रोहिणी से दुरी बना ली गई. इसी कारण रोहिणी अब आक्रोश में है और वह इसके लिए कानून का सहारा लेने की बात कही है.

रोहिणी के अनुसार चद्रशेखर के कई लड़कियों से शारीरिक रिश्ते है. रोहिणी ने चद्रशेखर पर शादी छिपाने का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि चंद्रशेखर ने अपनी शादी की बात छिपाकर कई लड़कियों के साथ धोखा किया है. उनका यह भी कहना है कि वह अकेली पीड़ित लड़की नहीं बल्कि चद्रशेखर ने अनेक लड़कियों का जीवन बर्बाद किया है. उनका कहना है कि वह अब कानून का दरवाजा  खटखटाएगी.

विदेशी धरती में रहने वाली रोहिणी को यूएन में भी भारत की प्रतिनिधि के तौर पर भाषण देने का अवसर मिला था. 22 मार्च, 2024 को दिए अपने भाषण के कारण वह चर्चा में तब आयी थी जब उन्होंने यूएन के मंच पर अपनी बात की शुरुआत ‘जय श्री राम’ से किया. आमतौर पर हिन्दुओ को तोड़ने वाली शक्तियां दलित समाज का ब्रेनवॉश करके उन्हें यह समझाने में लगी रहती है कि वे हिन्दू नहीं है पर रोहिणी घावरी, जो स्वयं एक बाल्मिकी समाज से आती है और उन्होंने यूएन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच से अपने भाषण की शुरूआती भगवान् राम के नाम के उद्घोष से किया, जिसकी उन दिनों बहुत चर्चा थी.

पर इस समय वही रोहिणी घावरी नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के ऊपर शोषण और धोखा का आरोप लगाने के कारण चर्चा में है. फिलहाल डॉ रोहिणी घावरी विदेश में रहते हुए जॉब कर रही है और साथ ही वह स्विट्जरलैंड में एक एनजीओ को भी चला रही है.

राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृति योजना क्या है?

रोहिणी घावरी विदेशी छात्रवृति योजना से लाभान्वित है. वह उसी छात्रवृति के दम पर विदेश के जाकर महंगी शिक्षा प्राप्त की थी और बाद में वही रहकर करियर बनाने लायक हो गई. अब ऐसे में प्रश्न में कि यह  ‘राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना क्या है?’ तो बात यह है कि केंद्र सरकार विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को इस योजना का लाभ देती है. लेकिन यह केवल विशेष जातियों के लिए है. केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ केवल एससी/एसटी समुदाय, खेतिहर मजदूर, पारंपरिक कारीगर ही उठा सकते है. यह स्कॉलरशिप मास्टर्स और पीएचडी करने वालों को दी जाती है. इसके लिए उसकी पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. जबकि यह छात्रवृत्ति केवल 125 छात्रों को ही दी जाती है. इस धनराशि से वे ट्यूशन फीस, वीजा फीस, टिकट आदि पर व्यय कर सकते है. रोहिणी इसी छात्रवृति में मिली मोटी धनराशि के दम पर जेनेवा गई थी.

इस लेख में हमने आपको रोहिणी घावरी की जीवनी (Rohini Ghavari Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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