इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंसिस सर्विस (आईएल एंड एफएस) में हुई वित्तीय धांधली के सिलसिले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को समन भेजा गया है. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है. राज ठाकरे से मनी लांड्रिंग के सिलसिले में पूछताछ होगी. ईडी ने उन्मेष जोशी को भी समन भेजा है, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना नेता मनोहर जोशी के पुत्र हैं. उन्मेष जोशी सोमवार को मुंबई में ईडी के दफ्तर में हाजिर हो चुके हैं.

ईडी के दफ्तर के बाहर उन्मेष जोशी ने पत्रकारों को बताया कि लगता है, ईडी के अधिकारी जांच में हमको भी शामिल करना चाहते हैं. उन्होंने बातचीत की, कोई सवाल नहीं पूछे. ईडी एक अधिकारी ने कहा कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे को 22 अगस्त को मुंबई स्थित दफ्तर में तलब किया गया है. मनसे इसे राजनीतिक बदले की भावना से हो रही कार्रवाई बता रही है.

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मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने मुंबई में कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज ठाकरे ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार किया था. चुनावी मैदान में वह कड़ी चुनौती पेश कर रहे थे. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी राज ठाकरे यही करने वाले हैं. उन्हें विरोध करने से रोकने के लिए ईडी के जरिए समन भिजवाया गया है. यह सीधी-सीधी राजनीतिक बदले की भावना की कार्रवाई है.

राज ठाकरे से ईडी जिस मामले में पूछताछ करने वाला है, वह कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी से जुड़ा हुआ है, जिसमें ईएल एंड एफएस से जुड़ी कंपनियों का 850 करोड़ रुपए निवेश है. इस कंपनी के प्रवर्तक उन्मेष जोशी हैं, जो मुंबई में कोहिनूर स्क्वायर नाम से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण कर रही है. कुछ संपत्तियों की नीलामी में उन्मेष जोशी और राज ठाकरे ने संयुक्त उपक्रम बनाकर साथ में बोली लगाई थी. लेकिन बाद में राज ठाकरे संयुक्त उपक्रम से अलग हो गए थे.

देशपांडे ने कहा कि कोहिनूर सौदे का मामला बहुत पुराना है और राज ठाकरे उसे कई बरस पहले छोड़ चुके हैं. हैरतअंगेज है कि सरकारी एजेंसी अब नोटिस क्यों भेज रही है. लगता है ईडी हमारी आवाज को कुचलने का हथियार बन रहा है.

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