कांग्रेस विधायक के वायरल वीडियो पर गर्माई सियासत, बीजेपी नेताओं ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

कांग्रेस विधायक राजेन्द्र विधुड़ी ने गरीबों को राशन बांटते हुए जनता से पूछा कि कौन अच्छा है- मोदी या गहलोत? एक बुजुर्ग महिला ने जवाब में कह दिया मोदी, इस पर विधायक महोदय उस महिला को दिया गया राशन वहीं छोड़कर जाने की बात कह दी

Rajendra Vidhudi
Rajendra Vidhudi

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देशभर में जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पडा है. काम धंधे बंद होने की वजह से लाखों गरीब परिवार भूखे सोने को मजबूर है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोच है कि संकट के इस समय में प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोए इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रतिदिन जरूरतमंदों को राशन के किट उपलब्ध करवाये जा रहे है. वहीं प्रदेश में राहत के इस राशन पर सियासत का दौर भी जारी है. राज्य सरकार द्वारा बांटी जा रही राशन सामग्री पर पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेता लगातार भेदभाव करने के आरोप लगा रहे हैं. ऐसे में बेगूं से कांग्रेस विधायक राजेंद्र विधूडी के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने बीजेपी को बैठे-बिठाए एक नया मुद्दा दे दिया.

वायरल हो रहे वीडियो में अपने क्षेत्र में जरूरतमंदों को राशन बांटने पहुंचे कांग्रेस विधायक राजेन्द्र विधूडी लोगों से पूछते दिख रहे हैं कि, ” बताओ नरेन्द्र मोदी अच्छा है या अशोल गहलोत”, तो भीड में से एक बुजर्ग महिला ने उत्तर देते हुए कहा- ‘मोदी’. इस पर विधायक विधूड़ी ने उस महिला से कहा कि, “मोदी अच्छा है तो दिए जलाओ और राशन यहीं छोड जाओ.” इसका किसी ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

कांग्रेस विधायक राजेंद्र विधुडी के इस विडियो के वायरल होने बाद भाजपा नेताओं ने गहलोत सरकार की राशन वितरण कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बेगूं विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजेंद्र बिधूड़ी की प्रधानमंत्री जी के प्रति ईर्षा भाव के कारण गरीबों को मिलने वाले भोजन पर अभद्र टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है.

अपने दूसरे ट्वीट में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि इस संवेदनशील समय में जब समाज की हर एक इकाई एक दूसरे की सहायता हेतु आगे आ रही है ऐसे में कांग्रेस के नेतागण अपने राजनीतिक स्वार्थ को आगे रख, गरीबों को भोजन तक देने में भेदभाव कर रहें है, बेहद शर्मनाक.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि जनता की तकलीफ़ों का अपने निजी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है. लॉकडाउन जैसे कठिन समय में जहां एक ओर प्रदेश के लोग राशन के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता वोटबैंक की राजनीति कर गरीबों की भावनाओं का मजाक बना रहे हैं, बेहद शर्मनाक.

कंद्रीय कृषि राज्य मंत्री व बाडमेर सांसद कैलाश चौधरी ने वायरल विडियों को शेयर करते कहा कि ना तो यहां एक जन प्रतिनिधि के नाते जनसेवा के धर्म का पालन हो रहा है और ना ही सामाजिक दूरी का. एक तरफ तो राजस्थान की असंवेदनशील सरकार के दबाव में सभी नियमों का पालन करने के बावजूद भाजपा के 3 विधायकों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते है, वहीं सत्ता के नशे में चूर बेंगू के कांग्रेस विधायक द्वारा यह पूछ कर राहत सामग्री का वितरण किया जाता है कि मोदी अच्छे हैं या गहलोत. विधायक जी यही नहीं रुकते, बुजुर्ग महिला द्वारा मोदी अच्छा है-कहने पर उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है. इतनी विषम परिस्थितियों में इस तरह की दुर्भावना रखकर कार्य किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि ये पब्लिक है सब जानती है. राज्य की कांग्रेस सरकार और उनके जनप्रतिनिधि कैसे राहत कार्यों में भेदभाव करते हैं यह एक झलक है. आपको राशन चाहिए तो मुख्यमंत्री जी को महान बताना पड़ेगा, लेकिन लोगों के दिलों में तो कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ही रहेंगे.

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