PoliTalks.news. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर सियासत अब तक खत्म होती नहीं दिख रही है. पहले भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर बवाल हुआ, उसके बाद अखाड़े ने राम मंदिर ट्रस्ट में भागीदारी न दिए जाने को लेकर पीएमओ को पत्र लिखकर अदालत जाने की धमकी दी, अब असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने पर विरोध जताया है. ओवैसी ने पीएम मोदी के इस अवसर पर शामिल होने को अपने पद की शपथ का उल्लंघन बताया है. बता दें, रामलला मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनिट 15 सैकेंड पर होगा. कोरोना संक्रमण का ध्यान रखते हुए मेहमानों की संख्या 200 तय की गई है.
AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या दौरे पर सवाल उठाया है. ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को संबोधित करते हुए एक ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री का आधिकारिक रूप में भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होना उनके संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा जबकि धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है.
Attending Bhumi Pujan in official capacity will be a violation of @PMOIndia‘s constitutional oath. Secularism is part of the Basic Structure of Constitution
We can’t forget that for over 400 years Babri stood in Ayodhya & it was demolished by a criminal mob in 1992 https://t.co/qt2RCvJOK1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 28, 2020
ओवैसी ने आगे कहा कि हम इस बात को नहीं भूल सकते हैं कि बाबरी 400 सालों तक अयोध्या में खड़ी थी और 1992 में इसे एक आपराधिक भीड़ ने ढहा दिया था. सांसद ने ये भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री और सरकार का कोई धर्म नहीं हो सकता. ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे का देश की जनता के बीच संदेश ठीक नहीं जाएगा. आगे मुस्लिम नेता ने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराने में कांग्रेस का भी बड़ा योगदान है. ऐसे में कांग्रेसियों को भी अपने कार्यालय की मिट्टी अयोध्या भेजनी चाहिए.
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बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 अगस्त को अयोध्या जाने का कार्यक्रम है. यहां पर पीएम मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अवसर पर लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार और मुरली मनोहर जोशी सहित राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई लोगों को न्योता दिया है.
भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री 22 किलो चांदी की ईंट रखकर मंदिर का शिलान्यास करेंगे. इस ईंट की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. मंदिर की नींव पहले से खोदी जा चुकी है. पीएम मोदी को केवल आधारशिला रख कर मंदिर का शुभारंभ करना है. देश के अलग-अलग राज्यों से आए वैदिक आचार्य 3 अगस्त से नींव पूजन शुरू करेंगे.
गर्भगृह का भूमि पूजन कार्यक्रम 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा. पहले दिन महा-गणेश पूजन के साथ पंचांग पूजन भी होगा. दूसरे दिन 4 अगस्त को सूर्य सहित नवग्रह की पूजा होगी. 5 अगस्त को 8 बजे सुबह से अंतिम अनुष्ठान भूमि पूजन का काशी के पंडितों के नेतृत्व में 11 पंडितों की टीम करेगी. इसमें अयोध्या के पंडितों को भी शामिल किया गया है. 5 अगस्त को वरुण, इंद्र आदि देवताओं के साथ पूजा होगी.