Politalks.News/PMModiinBangladesh. अभी कुछ दिनों पहले तक मतुआ समुदाय से देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोग बहुत अधिक परिचित नहीं थे. यह समुदाय केवल बांग्लादेश से बंगाल तक ही सीमित है. लेकिन जब से पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट हुई है यह समुदाय बीजेपी की मोदी सरकार के लिए जैसे ‘मेहमान‘ बना हुआ है. पिछले कुछ महीनों से भाजपा मतुआ से जुड़े लोगों की खूब ‘खातिरदारी‘ करने में लगी हुई है. पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मतुआ को लेकर खूब बड़ी-बड़ी घोषणाएं करने में लगे हुए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भाजपा बंगाल चुनाव में मतुआ समुदाय में अपना वोट बैंक तलाशने में जुटी हुई है.
अब बात करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश दौरे की तो, पीएम मोदी के लिए बांग्लादेश यात्रा का दूसरा दिन राजनीति की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहा. क्योंकि एक तरफ बंगाल में पहले चरण का चुनाव चल रहा था तो दूसरी ओर पीएम मोदी इस समुदाय के धर्म स्थलों पर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे थे. मोदी शनिवार को ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर पहुंचे. यहां हम आपको बता दें कि ओराकांडी वो जगह है जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था. पीएम मोदी ने कहा कि मैं कई सालों से इस अवसर का इंतजार कर रहा था. प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश की 2015 की यात्रा के दौरान मैंने ओराकांडी आने की इच्छा जाहिर की थी और वो इच्छा पूरी हो गई.
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यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि मुझे याद है, पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मातुआ भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था. पीएम मोदी ने कहा कि मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय पर्व पर भारत के आपके 130 करोड़ भाइयों-बहनों की तरफ से आपके लिए प्रेम और शुभकामनाएं लाया हूं. आप सभी को बांग्लादेश की आज़ादी के 50 साल पूरे होने पर ढेरों बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं.
आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी ने मतुआ समुदाय के मंदिर में ऐसे समय पूर्जा अर्चना की है जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए आज पहले चरण का मतदान हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय की आबादी करीब 2 करोड़ है. मतुआ समुदाय पश्चिम बंगाल चुनाव में वोटों के लिहाज से काफी मायने रखता है. बता दें कि बंगाल की राजनीति में हमेशा निर्णायक वोटर भी रहा है. बंगाल की 30 विधानसभा सीटों पर मतुआ वोटर प्रभावी है, जबकि कुल 70 सीटों पर उनकी अच्छी-खासी आबादी है. हम आपको बता दें कि भाजपा ने बंगाल में अपनी सरकार बनने के बाद मतुआ समुदाय से कई लोकलुभावन घोषणाएं भी कर रखी हैं.