G Ram G Bill Pass in Lok Sabha: राज्य और केंद्र की योजनाओं का नाम बदलना कोई नई बात नहीं है. सरकार बदलती है और कई जनहित योजनाओं के नाम बदल जाते हैं. इस बार मोदी सरकार फिर एक बार कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलने के फेर में पड़ गयी है जिसे लेकर सदन के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. ये हंगामा विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-जी राम जी) बिल, 2025 पर हुआ, जिसे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया. इस योजना का नाम पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) या मनरेगा था. हालांकि बहुमत के चलते विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल यानी ‘VB–जी राम जी’ ध्वनिमत से पास हो गया. इसे लेकर सदन में विपक्ष के सदस्यों ने पीठाधीन अध्यक्ष के सामने में बिल की कॉपी फाड़कर हवा में उड़ा दी.
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तृणमूल के सांसद बिल को महात्मा गांधी का अपमान और किसानों-गरीबों के खिलाफ कहते हुए रात भर धरने पर बैठ गए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि देश की जनता सड़कों पर गोली खाएगी, लेकिन बिल को कभी स्वीकार नही करेगी. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार अपनी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी. वहीं सत्ताधारी एनडीए ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
सरकार के मुताबिक नए बिल का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है. नए बिल में काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी. साथ ही योजना में अब राज्यों को भी 10 से 40 फीसदी तक पैसा देना होगा. बता दें कि VB-जी राम जी बिल मनरेगा को रिप्लेस करेगा.
प्रियंका-थरूर ने भी किया विरोध
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम इस बिल का विरोध करते हैं. हर योजना का नाम बदलने की सनक समझ नहीं आती है. बिना चर्चा के बिना सलाह लिए विधेयक को पास न करें. इसे वापस लें. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी मेरे परिवार के नहीं, मेरे परिवार जैसे ही हैं. पूरे देश की यही भावना है. कम से कम स्थायी समिति के पास इस बिल को भेंजे. कोई विधेयक किसी की निजी महत्वकांक्षा, सनक और पूर्वाग्रहों के आधार पेश नहीं होना चाहिए और ना ही पास होना चाहिए.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ‘विबी-जी राम जी’ बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम बदलना सही नहीं है. महात्मा गांधी का नाम राज्य का विजन पॉलिटिकल नहीं सामाजिक विकास का था. उनका नाम ही हटाना गलत है.



























