पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान के नागौर जिले में दलित युवकों की बर्बरतापूर्ण पिटाई और एक युवक के गुप्तांग में पेट्रोल डालने की घटना ने प्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल पैदा कर दी है. गुरूवार को यह पूरा मामला देशभर की सुर्खियों में रहा. इस मामलें को लेकर रालोपा विधायकों ने जहां सदन से वॉकआउट कर दिनभर विधानसभा में धरना दिया. घटना की गंभीरता को लेकर गुरुवार शाम तक कांग्रेस व बीजेपी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए घटनाक्रम की जांच के लिए अपनी-अपनी समिति का गठन किया है.
नागौर की दहला देने वाली घटना पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने त्वरित संज्ञान लेते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी स्तर पर एक समिति का गठन किया. प्रदेश स्तरीय इस समिति में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, संगठन महासचिव महेश शर्मा व देवली-उनियारा विधायक हरीश चन्द्र मीना को शामिल किया है. पायलट ने समिति के सदस्यों को घटनास्थल पर जाकर सम्पूर्ण तथ्यों की जाँच सहित पीड़ित युवक से घटना की जानकारी प्राप्त करते हुए प्रकरण में हुई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को अविलम्ब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
वहीं घटना पर गुरुवार को विधानसभा में रालोपा तीन विधायकों के जबरदस्त विरोध के बाद जागी 72 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी घटना की जांच के लिए केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय समिति का गठन किया. इस समिति में अर्जुनराम मेघवाल के अलावा विधायक मदन दिलावर, नागौर विधायक मोहनराम चौधरी, भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह शेखावत मौजूद को शामिल किया. पूनियां द्वारा गठित कि गई इस समिति के बारे में प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार ने बताया कि यह चार सदस्यीय समिति नागौर जाकर इस घटना की पूरी जानकारी लेकर 2 दिन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को इस अमानवीय घटना की पूर्ण जानकारी देगी.
कांग्रेस की अराजक सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था है, खासतौर पर दलित उत्पीड़न ने सारी हदें लांग दी है। नागौर के इस घटना ने सरकार पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है,अगर कांग्रेस पार्टी में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें। pic.twitter.com/HUWVzajFwd
— Satish Poonia (@SatishPooniaBJP) February 20, 2020
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