इस बजट में न कोई विजन है न कोई डिसीजन, हमारी सरकार की योजनाओं का नाम बदल कर जनता को कर रहे हैं गुमराह- वसुंधरा राजे

मुख्यमंत्री गहलोत के तीसरे कार्यकाल के दूसरे बजट पर बीजेपी नेताओं ने जमकर किए कटाक्ष, सतीश पूनियां, किरोड़ी लाल मीणा, गुलाब चंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़, कालीचरण सराफ, अशोक परनामी सहित कई नेताओं ने की तीखी प्रतिक्रिया

बजट पर बीजेपी नेताओं ने जमकर किए कटाक्ष
बजट पर बीजेपी नेताओं ने जमकर किए कटाक्ष

पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरुवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बतौर सीएम, अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट पेश किया. बजट की विपक्ष के नेताओं ने जमकर आलोचना की.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने आज विधानसभा में बजट के नाम पर मात्र आंकड़ों का भ्रमजाल पेश किया है. झूठ के कच्चे धागों से बुने इस निराशाजनक बजट के ताने-बाने में ना तो कोई विजन है और ना ही कोई डिसिजन. कांग्रेस का फोकस विकास पर नहीं, बल्कि हमारी सरकार की योजनाओं का नाम बदल कर जनता को गुमराह करने पर है. बजट में भामाशाह कार्ड को जन-आधार कार्ड, स्वस्थ राजस्थान को निरोगी राजस्थान, PMKVY को CMKVY कहकर गहलोत सरकार लोगों को भ्रमित करने का असफल प्रयास कर रही है.

पूर्व सीएम राजे ने कहा गहलोत सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र को भी पूरी तरह से भूल चुकी है. यही कारण है कि इस बजट में ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे युवाओं, किसानों, महिलाओं व व्यापारियों के सपने ठोस रूप से साकार हो सके तथा निम्न व मध्यम वर्ग का जीवन स्तर बेहतर बन सके. हाल ही में केन्द्र की भाजपा सरकार ने सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. अब राज्य सरकार भी मेडिकल कॉलेजों को बजट में शामिल कर केंद्र की घोषणा को अपने नाम से प्रचारित करना चाहती है.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट हताशा, निराशा, उत्साहहीन, दिशाहीन और थोथी घोषणाओं वाला है. सीएम गहलोत ने पिछले बजट में जो घोषणाएं की थी, वह सिर्फ कागजों और विज्ञापनों में ही दिखाई देती हैं, उनकी धरातल पर क्रियान्विति नहीं हुई. इसी तरह यह बजट भी कोरा कागज ही सिद्ध होगा. यह बजट पिछले बजट को ही कट, काॅपी और पेस्ट किया गया है. किसानों की कर्जा माफी और बेरोजगारों को भत्ता देने की घोषणा करने के बाद भी इसको लागू करने में सरकार असफल रही है, वहीं प्रदेश में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं.

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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने आगे कहा कांग्रेस की फितरत है टाइटल बदलना, नाम बदलना और भाजपा की सरकारों की योजनाओं को अपनी योजना बता देना. इस बजट में नए काॅलेज खोलने की कोई घोषणा नहीं हुई. बजट में रिफाइनरी पर महज लीपापोती हुई और प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई. इस बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे राजस्थान की शक्ल और सूरत बदल जाए. यह बजट कांग्रेस सरकार के मानसिक, वैचारिक और आर्थिक दिवालियापन को दर्शाता है.

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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश को निरोगी राजस्थान बनाने के लिए 100 करोड़ रूपए का बजट रखा गया है, वह ‘‘ऊँट के मुँह में जीरे’’ के समान है. फसल बीमा योजना में बीमा कम्पनी के रबि एवं खरीफ की फसलों के 1400 करोड़ रूपये बकाया है, जिसका बजट में कहीं भी प्रावधान नहीं किया गया है. बजट में किसानों को 8 घण्टे बिजली दिन में देने की बात कही है, जिसका 3 वर्ष में प्रबन्धन करेंगे, ऐसा कहना किसानों के साथ छलावा है. बजट में 15 मेडिकल काॅलेज खोलने की बात कहीं गई है, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा मेडिकल काॅलेज खोलने के लिए पहले ही 60 प्रतिशत राशि का अनुदान दिये जाने की बात कही जा चुकी है.

राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा ने कहा कि इस बजट से युवा, महिला, किसान ही नहीं हर वर्ग में घोर निराशा हुई है. किसान ऋण माफी, टिड्डियों से हुए नुकसान, बेरोजगारी भत्ता जैसे मामलों का बजट में जिक्र तक नहीं है. इस बजट में प्रदेश के विकास का कोई रोडमेप नहीं है.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि आज के बजट भाषण के दौरान सीएम गहलोत केन्द्र सरकार को कोसते नजर आए, क्योंकि उनके पास स्वयं की सरकार की उपलब्धियों के नाम पर बताने के लिए कुछ था ही नहीं. वित्त मंत्री के तौर पर सीएम गहलोत ने शब्दों की बाजीगरी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. सात संकल्पों की बात तो की, पर उन्हें पूरा कैसे करेंगे, इसका कोई रोड़मैप नहीं रखा. बजट में बहुत सारी घोषणाएं ऐसी हैं, जो पिछली भाजपा सरकार के समय की हैं, उन्हें भी नया बताकर इस बजट में शामिल किया गया है.

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राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम के बीच समन्वय और कन्वर्जेन्स का प्रयोग गत भाजपा सरकार के समय ही शुरू किया गया था, जिसे वर्तमान सरकार अपनी पहल बताकर पेश कर रही है. इससे अधिक हैरत की बात क्या होगी कि राज्य कर्मचारियों के लिए साल में दो बार बढ़ने वाले डीए को भी बजट घोषणा के तौर पर शामिल किया गया है. बजट में युवाओं को रोजगार देने और कौशल विकास के लिए कुछ भी ठोस कदम नहीं उठाया है. यही नहीं, अपने घोषणा पत्र में संविदा कार्मिकों को नियमित करने का वादा करने वाली सरकार अब स्वयं भी संविदा पर भर्तियां शुरू कर रही है.

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि बजट में भी केन्द्र सरकार को कोसने का कोई मौका गहलोत ने छोड़ा नहीं, उन्होंने यह नहीं बताया कि केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को वो राज्य में लागू क्यों नहीं कर रहे है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्रीय बजट की घोषणाओं को अपने कागज पर लिख कर राज्य के बजट में बोल रहे है, प्रत्येक जिले में मेडिकल काॅलेज खोलने की घोषणा केन्द्रीय बजट की है, प्रदेश में नये मेडिकल काॅलेज खोलने की घोषणा उसी की पुर्नावृति है.

वहीं मालवीय नगर विधायक एवं पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि यह बजट निराशा जनक है, इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई. पिछले बजट में गहलोत सरकार ने 75 हजार नौकरियाँ देने का वादा किया था, जो कि अभी तक भी पूरा नहीं किया गया है. इस बजट में किसानों के कर्जा माफी, बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने एवं बीसलपुर योजना से ब्राह्मणी नदी को जोड़ने की बात कहीं भी नहीं की गई.