राजस्थान की जनता ने कुछ वोट कांग्रेस को भाजपा से ज़्यादा दे दिए थे, वो आज परेशान हैं- दिल्ली चुनाव में बोले पूनियां

दिल्ली के मुंडका विधानसभा में चुनावी सभा में बोले पूनियां- राम मंदिर बनने का सपना लेकर कई पीढ़ियाँ चलीं गईं, लेकिन राम मंदिर निर्माण का रास्ता मोदी सरकार में प्रशस्त हुआ

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के दिग्गज नेताओं का इन दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव में जमावडा जमा हुआ है. कांग्रेस के अलावा प्रदेश के 50 से ज्यादा छोटे-बड़े भाजपा नेता इन दिनों दिल्ली चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली के मुंडका में आयोजित हुई गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभा को राजस्थान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी संबोधित किया. मुंडका से भाजपा प्रत्याशी मास्टर आज़ाद सिंह के समर्थन में आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए पूनियां ने कहा कि एक वर्ष पहले राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को भाजपा से कुछ वोट ज़्यादा दे दिए थे. जिसका ख़ामियाज़ा आज राजस्थान की जनता भुगत रही है. दिल्ली वाले इस तरह की गलती ना करें और पूर्ण बहुमत वाली भाजपा की सरकार बनाएं.

सतीश पूनियां ने कहा कि देश में विकास और राष्ट्रवाद के लिए दिल्ली में भाजपा की सरकार बनायें. देश में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की सरकार आम लोगों का जीवन बदलने के लिए मजबूती से काम कर रही है. इसलिए प्रधानमंत्री के हाथ मज़बूत करने के लिए भाजपा प्रत्याशियों को जिताएं.

इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि राम मंदिर बनने का सपना लेकर कई पीढ़ियाँ चलीं गईं, लेकिन राम मंदिर निर्माण का रास्ता मोदी सरकार में प्रशस्त हुआ. देश के नौजवान सीमा पर देश की चौकसी करते है. पहले हर दिन किसी ना किसी जवान की शहादत की खबर आती थी, 56 इंची सीने वाले पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर से 356 हटाकर कश्मीर को पूर्णतया भारत का हिस्सा बना दिया और आज जवानों की शहादत पर रोक लग गई है.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस से प्रेरणा प्राप्त कर अरविंद केजरीवाल ने भी उसी की तर्ज़ पर झूँठे वादे कर दिल्ली की जनता को ठगने का काम किया है. दिल्ली प्रदूषण के कारण बेहाल है, पूरे देश में सबसे गंदा पानी दिल्ली के लोग पी रहे है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री को इसकी परवाह नहीं है. देश के जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार के सहयोग से अपने राज्यों का विकास कर रहे है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपना पुरा कार्यकाल केंद्र सरकार से टकराव में निकाल दिया.

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