रायशुमारी’ आईपैड में बंद, गहलोत सरकार सेफ, कई मंत्रियों की छुट्टी तय, पायलट कैम्प भी होगा खुश

तीन दिन चली रायशुमारी हुई खत्म, दिल्ली पर टिकी सभी 'निगाहें', संवाद से 'गदगद' दिखे माकन दे गए कई 'संदेश', गहलोत सरकार के कामकाज पर विधायकों की 'मुहर', मंत्रियों को करनी पड़ सकती है 'संगठन की सेवा', तो डोटासरा के साथ खड़ी हुई पार्टी, साथ ही 'मैं ही दिल्ली हूं' कह कर ट्रोलर्स के निशाने पर आए माकन

रायशुमारी के बाद सभी निगाहें आलाकमान पर
रायशुमारी के बाद सभी निगाहें आलाकमान पर

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के सियासी संकट को सुलझाने के लिए तीन दिन चली ‘रायशुमारी‘ आज आखिरकार खत्म हो ही गई. अब सभी की निगाहें दिल्ली पर हैं. बता दें, प्रदेश प्रभारी अजय माकन सभी विधायकों का फीडबैक अपने आईपैड में बन्द कर दिल्ली लौट गए हैं. पिछले तीन दिन में प्रभारी अजय माकन ने विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से बात की और उनके मन की बात जानी. पीसीसी में संगठन के पदाधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद माकन ने कहा कि संवाद के दौरान कई मंत्रियों ने मंत्री पद छोड़कर संगठन में काम करने इच्छा जताई है. बकौल माकन कई मंत्री पद छोड़कर संगठन में काम करने के लिए तैयार हैं. माकन के इस बयान से राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से नये कयासों का दौर चल पड़ा है.

अजय माकन के इस बयान का यह मतलब निकाला जा रहा है कि गहलोत सरकार के कई मंत्रियों की छुट्टी होना तय है. वहीं माकन ने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी कांग्रेस और समर्थित विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कामकाज से संतुष्ट हैं. इसके साथ ही RAS भर्ती परीक्षा मामले में डोटासरा का समर्थन करते हुए माकन ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस डोटासरा के साथ खड़ी है. वहीं ग्रेटर निगम के बीवीजी कंपनी कमीशन मामले में RSS प्रचारक निम्बाराम को गिरफ्तार करने की मांग भी की. आपको बता दें, अपने साथ सभी विधायकों की राय लेकर माकन अब दिल्ली पहुंच गए हैं. माकन अपनी रिपोर्ट दिल्ली आलाकमान को देंगे. ऐसे में अब सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं.

इससे पहले प्रदेश प्रभारी अजय माकन अपनी रायशुमारी के तीसरे दिन आज पीसीसी पहुंचे और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद प्रभारी अजय माकन ने कहा कि, ‘उन्होंने 115 विधायकों से बात की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से भी बात हुई है. सरकार और संगठन में बेहतर समन्वय पर चर्चा हुई. 2023 में सरकार को कैसे वापस ला सकते हैं इस पर चर्चा की गई है’. इसके बाद पार्टी पदाधिकारियों को साथ लेकर अजय माकन मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और जहां मुख्यमंत्री गहलोत के साथ सबने लंच किया.

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गहलोत सरकार के काम को लेकर गदगद नजर आए माकन
तीन दिन चली रायशुमारी के दौरान गहलोत सरकार के कामकाज को लेकर मिले फीडबैक से गदगद नजर आए प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा- हमारे गहलोत साहब की सरकार से सभी विधायक संतुष्ट हैं. विधायकों के बाद कार्यकारिणी के लोगों ने भी यही बात कही है. माकन ने कहा अब कांग्रेस कार्यकारिणी ने अब तय किया है कि गहलोत सरकार के कामों को जन-जन तक पहुंचाया जाए. माकन अपने बयान से
ये संकेत दे गए कि गहलोत सरकार और मुख्यमंत्री गहलोत की कुर्सी दोनों ही सेफ है.

मंत्रियों को किया जाएगा संगठन में ट्रांसफर
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प्रभारी महासचिव अजय माकन ने पीसीसी में संगठन पदाधिकारियों की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘मुझे दो दिन के फीडबैक में बहुत से विधायक और मंत्री मिले, जो अपने ओहदे छोड़कर जरूरत पड़े तो संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने को तैयार हैं. मंत्रियों ने मेरा खुद का 2013 का उदाहरण भी दिया, तब मैंने भी मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया और राहुल गांधी जी के साथ संगठन में एआईसीसी महासचिव बना. उसी तर्ज पर कई मंत्रियों ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे संगठन में काम करने को तैयार हैं. मुझे इसका सुखद आश्चर्य है कि ऐसे बहुत से मंत्री हैं‘.

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माकन के इस बयान के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल के साथ कई मंत्रियों की छुट्टी होना अब तय माना जा रहा है. माकन ने इसके साफ संकेत दे दिए हैं कि मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है. माकन के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में कयासों का दौर तेज हो गया है और कांग्रेस में भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. अब देखना ये होगा कि इस फेरबदल में कितने मंत्रियों की छुट्टी होती है. माकन साहब ने मंत्रियों के मन की बात तो बता दी, लेकिन माकन ने किसी भी मंत्री का नाम नहीं बताया जबकि धड़कनें सबकी बढ़ा गए.

मैं ही दिल्ली हूं’ बोल हुए ट्रोल
इस दौरान अजय माकन ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियों, जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों पर बहुत जल्द फैसला लिया जा रहा है. विधायकों से मंत्रणा और फीडबैक के बाद अब दिल्ली से कितने दिन में लगेगी मंत्रिमंडल फेरबदल पर मुहर के सवाल पर कहा- ‘मैं ही दिल्ली हूं‘, माकन के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर एक युजर ने लिखा कि ‘आप दिल्ली हैं, और आप दिल्ली में जीरो साबित हुए थे केजरीवाल के सामने’

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पायलट की राजस्थान में भूमिका पर ये बोले माकन…

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की राजस्थान में भूमिका पर अजय माकन बोले कि, ‘किसी को नहीं है कोई शक या संशय, आलाकमान का जो भी फैसला करेगा सभी को मंजूर होगा, सचिन पायलट ने भी कहा है की आलाकमान का फैसला मानेंगे‘, इशारों-इशारों में माकन कई संकेत दे गए कि पायलट को राजस्थान में ही कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. क्योंकि पायलट को लेकर बाजार में कई खबरें चल रही है. अब इन खबरों का पटाक्षेप तो दिल्ली से आने वाले आदेशों के बाद ही होगा.

कार्यकर्ताओं के अच्छे दिन पर क्या बोले माकन

राजनीतिक नियुक्तियों, जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियों पर माकन बोले कि,’रायशुमारी में भी सभी से राय ली गई है पार्टी में भी निरंतर चर्चा का दौर जारी है. और जल्द ही अच्छे लोगों को नियुक्ति कर दी जाएगी. मतलब राजनीतिक नियुक्तियों की राह तक रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भी अच्छे दिन अब जल्द आने वाले हैं.

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डोटासरा को पहले मिला पायलट कैंप का साथ, अब माकन का सहारा

RAS भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू मामले में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के परिवार का नाम आने के बाद बीजेपी की ओर से घेरे जा रहे डोटासरा को अजय माकन सहारा दिया है. इस मामले को लेकर डोटासरा को पायलट कैंप का भी सपोर्ट मिला है. अब अजय माकन ने कहा कि, ‘पूरी पार्टी डोटासरा के साथ खड़ी है. बीजेपी इस मामले को बेवजह तूल दे रही है‘. बता दें कि इस मामले में घिरने के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट कैंप का समर्थन मिला था. बताया जा रहा है कि पायलट कैंप के विधायकों ने डोटासरा का साथ दिया और इसी का असर है कि माकन ये संकेत दे गए कि डोटासरा की कुर्सी सेफ है औऱ कांग्रेस उनके साथ खड़ी है.

निंबाराम की गिरफ्तारी के लिए फिर गहलोत सरकार से लगाई गुहार

इससे पहले पीसीसी में अजय माकन ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में पीसीसी के उपाध्यक्ष रामलाल जाट ने बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा. सभी पदाधिकारियों ने एक मत से निंदा प्रस्ताव का समर्थन कर उसे पारित किया. माकन ने कहा कि कांग्रेस निंबाराम को गिरफ्तार करने की मांग करती है. मजे की बात ये है कि ऐसी ही मांग पीसीसी चीफ डोटासरा भी कर चुके हैं अब फिर से प्रदेश प्रभारी ने अपनी ही सरकार से मामले में कार्रवाई की मांग की है. जो की चर्चा का विषय बनी है कि क्या सरकार में संगठन की बात को नहीं सुना जा रहा है!

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