अखिलेश यादव के वार पर यूपी मंत्री का पलटवार, कहा- केवल ट्वीटर पर दिखते हैं पूर्व सीएम

सपा प्रमुख ने मोदी व योगी सरकार पर लगाया किसाना व गरीब विरोधी षडयंत्र रचने एवं जनता को गुमराह करने का आरोप, फसलों पर समर्थन मूल्य को बताया छलावा, योगी के मंत्री ने कहा- योगी एवं अखिलेश की कोई तुलना नहीं

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

पॉलिटॉक्स न्यूज. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार पर की गई बयानबाजी पर सरकार में मंत्री मोहसीन रजा ने पलटवार किया. बीते दिन समाजवादी प्रमुख अखिलेश ने केंद्र को गुमराह करने वाली सरकार बताया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और श्रमिकों को गुमराह करने के लिए घोषणाओं पर घोषणाएं कर रही है लेकिन वे धरातल पर कहीं नहीं हैं. वहीं प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सपा सांसद ने कहा कि बुंदेलखंड और बृजक्षेत्र में सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं. खेती को प्राइवेट हाथों में देने की भाजपा साजिश कर रही है, यह किसानों के साथ विश्वासघात है. इस पर पलटवार करते हुए योगी सरकार में मंत्री मोहसीन रजा ने कहा कि सीएम योगी और अखिलेश यादव की कोई तुलना नहीं है. वर्तमान सीएम हर जगह दिखायी देते हैं लेकिन पूर्व सीएम केवल टि्वटर तक ही सीमित हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने प्रदेश के पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम योगी और अखिलेश यादव की कोई तुलना नहीं है. वर्तमान सीएम हर जगह दिखायी देते हैं लेकिन पूर्व सीएम केवल टि्वटर तक ही सीमित हैं. हालत यह है कि वो अपने संसदीय आजमगढ़ भी नहीं गए, जबकि कोरोना संकट में उन्हें वहां जाकर लोगों का हाल पूछना चाहिए था.

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मोहसीन ने कहा कि अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन कम से कम उन्हें बोलने से पहले या ट्वीट करने से पहले सब बातों का ध्यान देना चाहिए. प्रदेश की 23 करोड़ जनता की चिंता को लेकर वर्तमान सीएम अस्पतालों में भी है, सड़क पर भी और ऑफिस में भी लेकिन आप तो कहीं भी नहीं हैं. किसी चैनल पर थोड़ी देर के लिए दिख जाते हैं बस. आप तो आजमगढ़ भी जाते, जहां जनता आपका इंतजार कर रही है. मंत्री मोहसीन ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश दुनिया कोरोना से जूझ रही है, आप ऐसे समय पर जिन्होंने आप को चुन कर भेजा है, आप उनके तक नहीं हो पा रहे हैं.

इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों और श्रमिकों को गुमराह करने के लिए घोषणाओं पर घोषणाएं कर रही है लेकिन वे धरातल पर कहीं नहीं हैं. किसान-मजदूर ढूंढ रहे हैं कि बीजेपी सरकार ने उन्हें कहां और क्या दिया है? अपने पांवों पर खड़े होने में आर्थिक मदद देने के बजाय उन्हें और कर्जदार बनने की साजिश की जा रही है.

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सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी ने एक तरफ समर्थन मूल्य बढ़ाने का नाटक किया, तो वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ा दिए. रासायनिक खाद, कीटनाशक, बिजली, सिंचाई और बीज में किसानों को कोई रियायत नहीं मिली. फल-फूल, सब्जी, दूध का काम करने वाले किसान मुश्किलों में फंस गए हैं. किसानों से कहा जा रहा है कि वे बैंकों से ज्यादा कर्ज लें. किसानों को आत्महत्या की ओर प्रेरित करने का यह भाजपाई तरीका है क्योंकि उनकी मानसिकता गरीब व किसान विरोधी है.

बीजेपी की आत्मनिर्भरता की बातों को अखिलेश ने केवल छलावा बताया. सपा सांसद ने कहा कि बीजेपी ने हाल में जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए हैं, वे सिर्फ छलावा है. जब क्रय केंद्र नहीं है तो किसान अपनी उपज कहां बेचेगा? सरकारी नीतियों में विसंगतियों के चलते भी किसान परेशान है. मसलन मक्का और ऑयल सीड की खरीद ज्यादातर मुर्गी पालन उद्योग में होती है लेकिन जब पोल्ट्री उद्योग सरकार ने बंद किया तो मक्का खरीद भी बंद हो गई.

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अखिलेश ने कहा कि बुंदेलखंड और बृजक्षेत्र में सैकड़ों किसान आत्महत्या कर चुके हैं. खेती को प्राइवेट हाथों में देने को अखिलेश ने किसानों के साथ विश्वासघात बताया. अखिलेश ने मलिहाबाद में आम की मंडी को बंद करने का आरोप भी योगी व बीजेपी सरकार पर लगाया. समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार में किसानों पर कर्ज बढ़ गया है इसलिए उनके तमाम तरह के कर्ज माफ किए जाएं. अगर किसान उदासीन हुआ तो भुखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे और इसके लिए बीजेपी सरकार की गरीब एवं किसान विरोधी नीतियां ही जिम्मेदार होंगी.

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