Manoj Sinha Latest News – मनोज सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता के तौर पर जाने जाते है. वे मोदी सरकार में संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री भी रह चुके है. पार्टी में उनकी स्थिति का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ के पहली बार मुख्यमंत्री बनने से पहले श्री सिन्हा का नाम भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में आया था. वे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते है. उन्हें चुनावी रणनीतिकारों में भी गिना जाता है. इसके साथ ही उन्हें एक दृढ़ प्रशासक और जनता से जमीनी स्तर पर जुड़े रहने के लिए भी जाना जाता है. वर्तमान में वे जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल है. इस लेख में हम आपको जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की जीवनी (Manoj Sinha Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
मनोज सिन्हा की जीवनी (Manoj Sinha Biography in Hindi)
पूरा नाम | मनोज सिन्हा |
उम्र | 65 साल |
जन्म तारीख | 08 दिसंबर 1965 |
जन्म स्थान | गाजीपुर, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | एम.टेक |
कॉलेज | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी |
वर्तमान पद | जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल (लेफ्टिनेंट गवर्नर) |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
पत्नी का नाम | नीलम सिन्हा |
बच्चें | एक बेटा और एक बेटी |
बेटें का नाम | अभिनव सिन्हा |
बेटी का नाम | – |
स्थाई पता | गाजीपुर |
वर्तमान पता | जम्मू और कश्मीर |
फोन नंबर | – |
ईमेल | – |
मनोज सिन्हा का जन्म और परिवार (Manoj Sinha Birth & Family)
मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई 1959 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा में हुआ था.
मनोज सिन्हा का विवाह 8 मई 1977 को नीलम सिन्हा से हुआ है. उनके दो संतान है. एक बेटा और एक बेटी. उनके बेटे का नाम अभिनव सिन्हा है. मनोज सिन्हा हिन्दू है.
मनोज सिन्हा की शिक्षा (Manoj Sinha Education)
मनोज सिन्हा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक और फिर बाद में एम.टेक किया है
मनोज सिन्हा का राजनीतिक करियर (Manoj Sinha Political Career)
मनोज सिन्हा का राजनीति करियर अस्सी के दशक से शुरू हुआ था. उन्होंने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति शुरू कर दी थी और 1982 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढाई करते हुए उन्होंने छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और उन्हें पहली जीत मिली. बाद में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए. इसके बाद उन्हें पहली बार भाजपा ने ग़ाज़ीपुर लोकसभा क्षेत्र से 1996 में अपना उम्मीदवार बनाया और उन्हें अपने पहले चुनाव में ही जीत मिली.
यह जीत न केवल मनोज सिन्हा के लिए बड़ी थी बल्कि भाजपा के लिए भी यह महत्वपूर्ण थी क्योकि यह लोकसभा सीट भाजपा के लिए शुरू से चुनौती भरी रही है और पार्टी को इससे पहले कभी भी यहां से जीत हासिल नहीं हुई थी. यानी कि मनोज सिन्हा ही यहां से पहले और अब तक के अंतिम सांसद है. यहां अब तक पार्टी के दूसरे उम्मीदवार नहीं जीत पाएं है. इसी के बाद मनोज सिन्हा को यहां से पुनः 1999 में दूसरी बार जीत मिली.
इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मनोज सिन्हा को तीसरी बार इस सीट से सफलता मिली. बाद में जब केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तब मनोज सिन्हा को भी सरकार में शामिल किया गया. नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में मनोज सिन्हा को रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. हालांकि बाद में जुलाई 2016 में उन्हें कैबिनेट फेरबदल के बाद संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बना दिया गया था.
इस तरह मनोज सिन्हा 1996, 1999 और 2014 में तीन बार उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर लोकसभा क्षेत्र सांसद चुने जा चुके है. पर 2019 के चुनाव में उन्हें असफलता हाथ लगी. इस सीट से तब के बसपा उम्मीदवार अफ़ज़ल अंसारी को जीत मिली हालांकि इस समय भी यहां से अफ़ज़ल अंसारी ही सांसद है पर अब वह सपा से सांसद है.
अगर मनोज सिन्हा की उपलब्धियों की बात की जाएँ तो उन्हें उन्हें एक पत्रिका के द्वारा सात सबसे ईमानदार सांसदों में गिना गया था. सिविल इंजीनियर और आईआईटी-बीएचयू के छात्र रहे मनोज सिन्हा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए अपने पूरे एम पी फंड का उपयोग जन कल्याण के लिए किया था. उनकी राजनीति जमीन से जुड़ी रही है. शायद अब यही कारण रहा है कि ग़ाज़ीपुर लोकसभा सीट से अब तक के भाजपा के पहले और अंतिम सांसद है जो वहां से चुनकर सांसद बने है वरना उनसे पहले और उनके बाद अब तक पार्टी के दूसरे उम्मीदवार को वहां से असफलता ही हाथ लगी है. मनोज सिन्हा को एक दृढ़ प्रशासक भी माना जाता है तभी उन्हें जम्मू कश्मीर जैसे देश के सबसे संवेदनशील राज्य का उपराज्यपाल बनाया गया है.
वर्तमान में, मनोज सिन्हा जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल (लेफ्टिनेंट गवर्नर) है.
मनोज सिन्हा का उपराज्यपाल के रूप में करियर
मनोज सिन्हा को 7 अगस्त 2020 को जम्मू और कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया था. वे राज्य के दूसरे उपराज्यपाल है. इससे पहले राज्य के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू थे. जीसी मुर्मू के इस्तीफ़े के एक दिन बाद मनोज सिन्हा को राष्ट्रपति ने जम्मू और कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया. तब से लेकर वे इस पद पर अब तक बने हुए है.
मनोज सिन्हा की संपत्ति (Manoj Sinha Net Worth)
2019 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार मनोज सिन्हा की कुल संपत्ति 4.52 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर 61 लाख रूपये का कर्ज भी हैं.
इस लेख में हमने आपको मनोज सिन्हा की जीवनी (Manoj Sinha Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.