पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ हुई नारेबाजी के पीछे गांधी परिवार की नाराजगी तो नहीं?

दिल्ली में फूटा लेटर बम तो धमाके की आवाज यूपी में क्यों दी सुनाई, विधायक धीरज गुर्जर ने लखीमपुर में पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ नारेबाजी क्यों कराई, कहीं घटनाक्रम का यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी से तो कोई कनेक्शन नहीं?

Priyanka Gandhi And Jitin Prasad
Priyanka Gandhi And Jitin Prasad

Politalks.News/UP. कांग्रेस नेताओं का अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने के लिए सोनिया गांधी को लिखा गया लेटर बम दिल्ली में जरूर फूटा लेकिन उसका धमाका उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में सुनाई दिया. कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) को लेटर बम के नाम पर निशाना बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारेबाजी की गई.

कांग्रेस के अंदरूनी घमासान की कहानी आगे बढती है. पहले पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ हुई नारेबाजी का वीडियो वायरल होता है और फिर इसके बाद लखीमपुर के जिला-अध्यक्ष प्रहलाद पटेल का एक ऑडियो वायरल होता है. आॅडियो में जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटेल इस सारी घटना के लिए धीरज गुर्जर को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. यह बात भी सामने आती है कि पूर्व मंत्री और यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेता जितिन प्रसाद के खिलाफ भाडे पर लाए गए मजदूरों से प्रदर्शन कराया गया.

आॅडियो में प्रहलाद पटेल द्वारा कहा जा रहा है कि पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ यूपी के सह प्रभारी धीरज गुर्जर ने निंदा प्रस्ताव तैयार किया. ऑडियो में धीरज गुर्जर के साथ यूपी की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का नाम भी लिया गया है.

कौन हैं धीरज गुर्जर
पहले जान लेते हैं कि धीरज गुर्जर कौन हैं? धीरज गुर्जर कांग्रेस के युवा नेता है. राजस्थान के जहाजपुर से पूर्व विधायक रह चुके हैं. राहुल और प्रियंका गांधी के आशीर्वाद से कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी भी हैं.

कौन हैं जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद से पहले उनके पिता जितेंद्र प्रसाद के बारे में जान लेते हैं. जितेंद्र प्रसाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहाकार थे. साथ ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं. पिता के बड़े प्रभाव का लाभ बेटे जितिन प्रसाद को मिला. वो राजनीति में आए और कांग्रेस से सांसद बनकर लोकसभा में पहुंचे. भारत सरकार के चार बड़े मंत्रालयों में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं.

प्रियंका गांधी के प्रभारी बनते ही बदली तस्वीर
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रियंका गांधी की कांग्रेस में अचानक एंट्री हुई. प्रियंका को कांग्रेस महासचिव बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया गया. उसके बाद से जितिन प्रसाद के दिन फिरने शुरू हो गए. यूपी में होने वाले कांग्रेस के कार्यक्रमों से जितिन प्रसाद का चेहरा लगभग गायब होना शुरू हो गया.

हालांकि जितिन प्रसाद को टीम राहुल का माना जाता है. लेकिन प्रियंका के यूपी पहुंचने के बाद जितिन प्रसाद को लेकर एक अजीब सी खींचतान शुरू हो गई. लखीमपुर के जिलाअध्यक्ष प्रहलाद पटेल के वायरल आॅडियो से इसे समझा जा सकता है. वायरल हुए ऑडियो में पटेल कह रहे हैं कि मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ हुए प्रदर्शन के पीछे सह प्रभारी धीरज गुर्जर और प्रभारी प्रियंका गांधी का हाथ है.

अब बात को समझते हैं कपिल सिब्बल के ट्वीट से
पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ हुई नारेबाजी का विडियो वायरल होने के बाद चिट्ठी लिखने वालों में शामिल वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने जितिन प्रसाद के समर्थन में एक ट्वीट किया. कपिल सिब्बल ने लिखा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी में जितिन प्रसाद को आधिकारिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है. जी हां, कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में अधिकारिक तौर पर निशाना बनाने की बात लिखी. कपिल सिब्बल ने आगे लिखा कि जरूरत इस बात की है कि कांग्रेस बीजेपी पर सर्जिकल स्टाइक करे न कि अपनों पर हमले करके अपनी ऊर्जा बर्बाद करे.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के खिलाफ हुई नारेबाजी के पीछे भले ही धीरज गुर्जर को बताया जा रहा हो लेकिन यह भी संभव नहीं कि धीरज गुर्जर खुद अपने स्तर पर इतना बडा कदम उठा लें. तथ्य यह भी है कि धीरज गुर्जर यूपी के सहप्रभारी होने के नाते प्रभारी प्रियंका गांधी के सहयोगी हैं.

गांधी परिवार चिट्ठी को मान रहा है चुनौती
कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव द्वारा नए अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी क्या लिखी कि कांग्रेस में बवाल मच गया. बाहर से एक कांग्रेस भले ही नजर आ रही हो लेकिन इस एक कांग्रेस में दो कांग्रेस की तस्वीर साफ तौर पर उभर रही है.

कांग्रेस के 100 से अधिक नेताओं ने ऐसा चिट्ठी बम फोड़ा की अब एक के बाद एक धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है. कांग्रेस नेताओं की चिट्ठी से गांधी परिवार यानि मां, बेटा और बेटी तीनों आहत हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे कुछ समय पहले तक उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि कभी ऐसा भी समय आएगा, जब कांग्रेस में चुनाव से अध्यक्ष चुनने की मांग उठेगी. राहुल और प्रियंका की नाराजगी से साफ हो गया है कि वो इस चिट्ठी को अपने जीवन की सबसे बडी चुनौती के तौर पर देख रहे हैं.

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