पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर सीएए और एनआरसी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया बयानों पर भी तंस कसा. सीएम गहलोत ने कहा कि एक तरफ तो गृहमंत्रीजी 4 महीनों से चिल्ला चिल्लाकर कहते हैं कि देशभर में एनआरसी लागू करके रहूंगा. वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्रीजी कहते हैं कि एनआरसी पर सरकार में कोई चर्चा ही नहीं हुई जैसे कि उनको कुछ मालूम ही न हो. आश्चर्य की बात है, आखिर हो क्या रहा है? प्रधानमंत्रीजी और गृहमंत्रीजी के वक्तव्य में इतना बड़ा फर्क नहीं होना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार के इरादों के बारे में लोगों की आशंकाओं को स्वीकार करने के बजाय मोदीजी और अमित शाहजी विरोधाभासी दावों के माध्यम से अनिश्चितता बढ़ा रहे हैं. उन्हें तथ्यों और सच्चाई के साथ सामने आना चाहिए.
प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी के वक्तव्य में इतना बड़ा फ़र्क नहीं होना चाहिए, एक कहते हैं, #NRC पर सरकार में कोई चर्चा ही नहीं है, जैसे उनको मालूम ही नहीं हो और गृहमंत्री जी 4 महीने से चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं पूरे देश में लागू करके रहूंगा। आश्चर्य की बात है, हो क्या रहा है। pic.twitter.com/CAm5c9iZiN
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जब देशभर में लोग सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो सरकार को कानून को वापस लेना चाहिए लेकिन देश को गुमराह करने के लिए वे एनपीआर के साथ आ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ कहते हैं, देश के गृहमंत्री कुछ कहते हैं, इससे लोगों में केवल डर बढ़ रहा है.
When people across the nation are protesting against #CAA_NRC Govt should have rolled back the new law but they came up with #NPR. To mislead the nation, PM says one thing, HM says something else. It is only increasing fear among people.
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने मिलकर देश को उथल-पुथल में डाल दिया है. अब उनके बीमार विचारों के साथ नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और अब एनपीआर पर अशांति फैल गई है.
It is unfortunate that the PM & HM of the country have plunged the nation into turmoil and unrest with their ill thought out #CAA_NRC and now #NPR.
3/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. जनता का ध्यान वास्तविक समस्याओं से हटाने के लिए वे सीएए, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों को उठाकर न केवल अशांति को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित कर रहे हैं.
The govt has failed on every front. Now to divert public attention from real problems, they are raising such issues and fueling unrest, disrupting communal harmony. They should revoke #CAA and assure the nation, #NRC would not be implemented.
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
उन्होंने कहा कि आज पूरा देश चिंतित है. ऐसे में मैं आग्रह करूंगा कि केंद्र सरकार को सीएए को रद्द करना चाहिए और देश को स्पष्ट तौर पर आश्वस्त करना चाहिए कि एनआरसी को देश में लागू नहीं किया जाएगा.
आज पूरा देश चिंतित है। मैं आग्रह करूंगा इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से उस चिंता को दूर करने के लिए उन्हें आगे आना चाहिए। मन की बात तो तब होगी जब मन की बात इस पर करेंगे, देश की जनता को स्पष्ट आश्वासन देंगे कि देश में #NRC लागू नहीं होगी कोई चिंता करने की बात नहीं है। pic.twitter.com/IbcroYYPiC
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019
सीएम ने देश में चल रही आर्थिक मंदी पर भी तंज कसते हुए कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है. यह भारत की सबसे बड़ी मंदी है. इसके बाद भी सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है. जबकि मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन कहते हैं कि देश में आर्थिक मंदी एक सामान्य मंदी नहीं है, लेकिन कुछ ऐसा है जो पिछले 20-30 वर्षों में नहीं देखा गया है.
It's a matter of grave concern, when Modi Govt’s former Chief Economic Adviser,Arvind Subramanian says the economic downturn in country is not an ordinary slowdown, but something that hasn't been seen in last 20-30 yrs. It's India's great slowdown n still govt doesn’t acknowledge
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 27, 2019