गरमाई सियासत: फडणवीस ने की राज्यपाल से मुलाकात तो देर रात देशमुख पहुंचे CM उद्धव के पास

देवेंद्र फडणवीस आज सुबह बीजेपी के कई नेताओं के साथ गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे और ज्ञापन सौंपा, अनिल देशमुख ने पूरे विवाद पर अपना पक्ष सीएम ठाकरे के सामने रखा, फडणवीस की दिल्ली में होम सेक्रेटरी से हुई मुलाकात पर बोले राउत- कुछ भी कर लो हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते

फडणवीस ने की राज्यपाल से मुलाक़ात
फडणवीस ने की राज्यपाल से मुलाक़ात

Politalks.News/MaharashtraPolitics. महाराष्ट्र की सियासत में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम के बाद आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने के आरोपों में घिरे राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से लम्बी मुलाकात की. तो वहीं अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार सुबह गवर्नर से मुलाकात की. देवेंद्र फडणवीस आज सुबह बीजेपी के कई नेताओं के साथ गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे और ज्ञापन सौंपा.

वहीं राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात के बाद फडणवीस ने कहा कि यह दुख की बात है कि पूरे मामले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चुप हैं. फडणवीस ने महाविकास अघाड़ी सरकार को महावसूली सरकार करार देते हुए सवाल उठाया कि शरद पवार ने दो दिन तक बचाव किया, जबकि कांग्रेस अस्तित्व में नहीं दिख रही है वहीं सीएम चुप हैं. फड़नवीस ने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह से चुप्पी बरती है, उसे बताना चाहिए कि उसे इसके लिए कितना हिस्सा मिला है. पूर्व सीएम ने कहा कि हमने गवर्नर के सामने पूरा मामला रखा है, हमें उम्मीद है कि इस मसले पर गवर्नर को बात करनी चाहिए और मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए कि आखिर उन्होंने इस पर क्या कार्रवाई की है? बता दें, गृहमंत्री अनिल देशमुख पर पूर्व कमिश्नर की ओर से लगाए आरोपों के बाद से बीजेपी सूबे की गठबंधन सरकार पर हमलावर है और इस्तीफे की मांग कर रही है.

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वहीं आरोप लगने के बाद विपक्ष की ओर से लगातार इस्तीफे की मांग के बीच घिरे गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि उद्धव ठाकरे की ओर से देशमुख का इस्तीफा मांगा जा सकता है, ऐसे में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि अनिल देशमुख ने इस मीटिंग में पूरे विवाद पर अपना पक्ष सीएम ठाकरे के सामने रखा है. उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास पर ही करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं की यह मीटिंग चली. वहीं इससे पहले मंगलवार शाम को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की थी और कहा था कि इससे ही शरद पवार की प्रतिष्ठा पर लगे दाग खत्म हो सकते हैं.

यही नहीं अनिल देशमुख पर पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग के एवज में भी घूसखोरी के आरोप लग रहे हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए भी पैसे ले रहे हैं, क्या आपने कभी सुना है कि कोई मंत्री कभी अपनी पार्टी, सरकार और अपने लिए पैसे लेता है.’ आपको बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सचिन वाझे के जरिए 100 करोड़ रुपये महीने की वसूली का आरोप गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाया है. परमबीर ने आरोप लगाया है कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के केस में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के जरिए अनिल देशमुख रैकेट चलाते थे.

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इससे पहले मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में होम सेक्रेटरी अजय भल्ला से मुलाकात की. फडणवीस ने महाराष्ट्र में चल रहे प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की. फडणवीस ने कहा कि इस मामले में उन्होंने होम सेक्रेटरी से CBI जांच की मांग भी की है. उन्होंने कहा, “मैं इतना ही मानता हूं कि ये जो सारा मसला है, इस मसले में इस रिपोर्ट को 25 अगस्त 2020 से लेकर अभी तक क्यों दबाकर रखा गया. उस पर क्यों कार्रवाई नहीं हुई. इतने गंभीर बातचीत थी, ऐसे गंभीर मसलों से जुड़े लोगों पर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की.”

वहीं फडणवीस की होम सेकेट्री से हुई इस मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान भी आया है. राउत ने इस मुलाकात पर कहा है कि “आप कागज लेकर घूमते रहिए. लेकिन जब तक हमारे पास बहुमत है, आप हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकते. अगर उनको यहां आकर आनंद मिलता है तो उनको आनंद लेने दो. कुछ कागज लेकर आते हैं. कुछ फाइल लेकर आते हैं. महाराष्ट्र की सरकार को काम करने दीजिए. ये सब करने से सरकार नहीं गिरेगी.” राउत ने आगे कहा, “कागज में कुछ नहीं हैं. वो जो कागज फड़फड़ा रहे हैं, उस कागज में कोई दम नहीं है. हां, अगर गृह सचिव विशेष अध्ययन अभ्यास करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. हमें कोई तकलीफ नहीं है. हमारे पास बहुमत हैं और बहुमत वाली सरकार को दिल्ली में गिराने की कोशिश नहीं कर सकते. चाहे गृहमंत्री के पास जाइए या प्रधानमंत्री के पास. जब तक आपके पास बहुमत नहीं है, तब तक आप हमारी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते. ये जो आप कर रहे हैं यह संविधान के खिलाफ है.”

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आपको बता दें, तमाम आरोपों और विवादों के बीच भी अनिल देशमुख की पार्टी एनसीपी ने उनका बचाव किया है. खुद पार्टी के मुखिया और गठबंधन सरकार के बड़े नेता शरद पवार ने लगातार दो दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देशमुख का बचाव किया. शरद पवार ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए अनिल देशमुख की बेगुनाही का एक तरह से सबूत देते हुए कहा था कि वह 5 से 15 फरवरी तक अस्पताल में ही थे और फिर 16 से 27 तारीख तक होम आइसोलेशन में थे. ऐसे में वह कैसे किसी से मुलाकात कर सकते हैं? दरअसल परमबीर सिंह ने अपने लेटर में यह आरोप भी लगाया था कि अनिल देशमुख ने फरवरी के मध्य में सचिन वाझे से मुलाकात की थी. हालांकि अनिल देशमुख के खिलाफ जांच को लेकर शरद पवार ने कहा था कि यह फैसला लेना सीएम के अधिकार क्षेत्र में है.

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