Wednesday, January 15, 2025
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RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी मामले में बेनीवाल का गहलोत सरकार पर बड़ा हमला

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राजस्थान में सीनीयर शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसओजी ने RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को लिया हिरासत में, उनके भांजे विजय कटारा तथा आरपीएससी के ड्राइवर गोपाल सिंह को बी SOG ने लिया हिरासत में, पेपर लीक मामले में उनसे जारी है पूछताछ, वहीं अब इस मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बोला गहलोत सरकार पर हमला, एक के बाद एक कई ट्वीट कर गहलोत सरकार पर गरजे बेनीवाल, बेनीवाल ने कहा- वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आज RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा सहित दो अन्य लोगों की गिरफ्तारी से यह हो गया है साफ की RPSC से ही पेपर हुआ था आउट, चुंकि पेपर जैसी गोपनीय शाखा सीधे चेयरमैन के होती है अधीन, ऐसे में पेपर लीक मामले में आरपीएससी के चेयरमैन सहित सत्ता में अहम पदों पर बैठे मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता, पूर्व में रीट के पेपर आउट प्रकरण में डीपी जारोली ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पेपर लीक हुआ राजनैतिक संरक्षण में, पेपर लीक होने का सिलसिला भाजपा सरकार के कार्यकाल से है जारी, इसलिए सत्ता के गठजोड़ से पेपर माफिया राजस्थान के युवाओं के सपनों का सौदा करते, आज जिस आरपीएससी सदस्य की गिरफ्तारी हुई, राज्य सरकार ने उन्हें किसकी सिफारिश पर बनाया आरपीएससी सदस्य?, उनकी किन -किन लोगों से है निकटता?, इन तमाम बातों की सच्चाई सीबीआई जांच से ही है संभव, क्योंकि आज मुख्यमंत्री गहलोत इनके गिरफ्तारी की जानकारी दे रहे है ट्वीट करके, कुछ समय पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने ढोल पीटकर पेपर लीक मामले में अफसरों को दी क्लीन चिट, ऐसे में राज्य सरकार की जांच एजेंसी गहनता से जांच करके असली गुनेहगार और सरगनाओं के नाम लाए सामने, इस बात में पूर्ण रूप से है संदेह, क्योंकि बाबूलाल कटारा तो है एक मछली, असली मगरमच्छ दूसरे लोग है जो आज भी है पर्दे के पीछे, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होते ही उसी दिन RLP ने सबसे पहले अजमेर में आरपीएससी के मुख्यालय, राजधानी जयपुर, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर तथा शिक्षा मंत्री के गृह क्षेत्र बीकानेर में किया था प्रदर्शन, उसके बाद प्रदेश भर में RLP ने पेपर लीक मामले में किया बड़ा प्रदर्शन, राजस्थान की विधानसभा में RLP के विधायकों ने पुरजोर रूप से उठाया यह मामला, जिसके कारण उन्हें विधानसभा से निष्कासित किया गया और मैने भी हर प्लेटफॉर्म पर युवाओं की भावनाओं को सरकार के रखा समक्ष, वहीं प्रदेश की जनता ने राज्य सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों सहित सीएमओ में बैठे लोगों की मिलीभगत पेपर लीक प्रकरण में बताई, मगर राज्य सरकार रही खामोश, इसलिए मुख्यमंत्री गहलोत को अब कर देनी चाहिए पेपर लीक मामलो की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश

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