सियासत-ए-राजस्थान: डोटासरा ने हिटलर से की मोदी-योगी की तुलना तो सतीश पूनियां हुए गिरफ्तार

डोटासरा ने सीकर में किया मौन सत्याग्रह तो जयपुर में शहीद स्मारक पर हुआ कांग्रेस का मौन धरना, बीजेपी के उग्र हल्ला बोल प्रदर्शन में कार्यकर्ता उलझे पुलिस से, पूनियां की गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस की गाड़ी के आगे लेते कार्यकर्ता

Halla Bol Vs Mon Satyagarh
Halla Bol Vs Mon Satyagarh

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में आज कांग्रेस और बीजेपी दोनों का सियासी बवाल देखने को मिला. हाथरस की घटना के विरोध में कांग्रेस ने प्रदेश के कई हिस्सों में मौन सत्याग्रह आयोजित किया, जिसमें प्रदेश सरकार के कई मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता अलग-अलग जगह शामिल हुए. वहीं बीजेपी ने राजस्थान में बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म के ग्राफ के खिलाफ सड़कों और उतरकर हल्ला बोल प्रदर्शन किया. इस कड़ी में जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस ने मौन सत्याग्रह का आयोजन रखा, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने बीजेपी के मुख्यालय से लेकर सिविल लाइंस तक पैदल मार्च निकाला. इस दौरान पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो सतीश पुनियां सहित अन्य भाजपाई पुलिस से उलझ पड़े. धक्का मुक्की के बाद सतीश पूनियां को गिरफ्तार कर लिया गया.

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उधर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने गृह जिले सीकर में आयोजित हुए कांग्रेस के मौन सत्याग्रह में भाग लिया. इस दौरान डोटासरा ने उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप-हत्या मामले में पीएम नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों के शासन की तुलना हिटलरशाही से की. सीकर के अंबेडकर सर्किल पर आयोजित हुए सत्याग्रह स्थल से डोटासरा ने कहा कि हाथरस पीड़िता को सही उपचार नहीं मिला.

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उसकी मौत के बाद मीडिया को प्रतिबंधित करने के साथ पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को रोककर उनके साथ भी धक्का मुक्की व मारपीट की गई. लेकिन, सीएम योगी के साथ पीएम मोदी आंख बंद कर बैठे रहे. डोटासरा ने कहा कि मामले में साक्ष्य मिटाया जा रहा है. मोदी व योगी सरकार की निरंकुशता, निष्ठुरता और कुप्रशासन उजागर हुआ है, उनकी हिटलरशाही व तानाशाही पूरा देश देख रहा है.

इधर, प्रदेश में लगातार बढ़ रहा अपराधों का ग्राफ और बढ़ते दुष्कर्म के मामलों के विरोध में बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ जयपुर पार्टी मुख्यालय से सिविल लाइंस के लिए पैदल मार्च निकाला जिसमें सैंकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे. प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर पार्टी कार्यालय से निकले. प्रदर्शन के दौरान ‘अशोक गहलोत मुर्दाबाद’ और ‘गहलोत तेरी तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे भी लगे.

जैसे ही पैदल मार्च सिविल लाइंस फाटक की ओर बढ़ा, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई. कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई. यहां सतीश पूनियां भी पुलिस के जवानों से उलझते नजर आए. ज्यादा हंगामा हुआ तो पुलिस ने सतीश पूनियां को हिरासत में लेकर पुलिस जीप में डाल दिया और अशोक नगर थाने की ओर रवाना हुए. पूनियां की गिरफ्तार को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने फिर से हंगामा किया और जीप के चारों ओर खड़े हो गए.

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पुलिस ने उन्हें हटाया तो कार्यकर्ता पुलिस जीप के आगे लेट गए और पूनियां को ले जाने का विरोध करने लगे. पुलिस ने हल्के बल प्रयोग से कार्यकर्ताओं को वहां से हटाया और अशोक नगर पुलिस थाने ले गए. कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है.

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इससे पहले यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुए अन्याय के विरोध में कांग्रेस ने जयपुर के गवर्नमेंट हॉस्टल स्थित शहीद स्मारक पर ‘मौन सत्याग्रह’ का आयोजन किया. पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया गया. महिला विकास मंत्री ममता भूपेश और विधायक संयम लोढ़ा के अलावा कोई बड़ा नेता राजधानी में आयोजित इस मौन सत्याग्रह में नहीं पहुंचा.

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