नए साल पर रविवार को जालोर जिले के सायला क्षेत्र में जन आक्रोश सभा को संबोधित करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को करना पड़ा किसानों के आक्रोश का सामना, गहलोत सरकार के खिलाफ गजेंद्र सिंह की जन आक्रोश सभा के दौरान राजस्थान किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों किसान सभा के बीच ही बैठ गए धरने पर, किसान माही डेम का ओवरफ्लो पानी पेयजल और सिंचाई के लिए छोड़ने की कर रहे थे मांग, मंत्री शेखावत पर माही का पानी किसानों को उपलब्ध करवाने की पैरवी नहीं करने का आरोप लगाया किसानों ने, किसान नेता बद्री दान चारण ने बताया कि – माही का जल उपलब्ध करवाने को लेकर गुजरात और राजस्थान सरकार के बीच 1966 में हुआ था समझौता, जिसके तहत पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाया जाना था माही का जल, लेकिन आज तक उस समझौते की नहीं हुई पालना, यदि माही जल को इस क्षेत्र में लाया जाए तो जालोर, सिरोही, बाड़मेर क्षेत्र के किसानों के लिए जीवनदायिनी साबित हो सकता है ये पानी, लेकिन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने माही का पानी किसानों के लिए उपलब्ध करवाने के लिए कभी नहीं की पैरवी, जिससे जालोर के किसानों को उठाना पड़ा नुकसान, जबकि जोधपुर हाईकोर्ट ने भी जारी किया था एक आदेश कि माही बांध का जो पानी ओवरफ्लो होकर जा रहा है खंपात की खाड़ी में, उसे दिया जाए जालोर, बाड़मेर और सिरोही के किसानों को, लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में कभी नहीं उठाया कोई भी कदम