Politalks.News/Delhi. कोरोना काल में सोमवार से सदन के मानसून सत्र की शुरुआत हुई. दोनों सदनों में कुछ सदस्यों को छोड़ करीब 95 फीसदी सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई लेकिन सिटिंग अरेंजमेंट से लेकर स्पीच के रीति रिवाजों तक सब कुछ बदला बदला सा दिखाई दिया. कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए काफी सारी सावधानियां यहां देखने को मिली. यहां तक की लोकसभा की कार्यवाही राज्यसभा परिसर में भी आहूत की गई. सोशल डिस्टेन्सिंग की वजह से लोकसभा में केवल 200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था हो पाई, 30 सदस्य गैलेरी में बैठे और अन्य राज्यसभा परिसर में बिराजे. लोकसभा परिसर में एक बड़ी स्क्रीन पर राज्यसभा का सारा माहौल दिखाया जा रहा था. ऐसे ही राज्यसभा में बैठे सदस्य स्क्रीन के जरिए लोकसभा की कार्यवाही देख रहे थे. सत्र के पहले ही दिन 17 सांसदों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
दोनों सदनों के मार्शल्स और अन्य स्टाफ मेंबर्स को मास्क और फेस शील्ड पहनने का निर्देश है. एयरबोन इनफेक्शन से बचाने के लिए दिन में 6 बार एयर कंडिशन बदले जाएंगे. टच लेंस सिक्योरिटी स्कैनिंग से तलाशी और थर्मल स्कैनर भी टच फ्री होगा. सांसदों को कोरोना से बचाव के लिए डीआरडीओ की किट दी गई. हर किट में 40 डिस्पोजल मास्क, एन95 मास्क, सैनिटाइजर की 20 बोतलें, 40 ग्लब्ज और दरवाजा बंद करने के लिए टच फ्री हुक्स हैं.
हरिवंश नारायण सिंह बने राज्यसभा के उप सभापति
हरिवंश नारायण सिंह एक बार सदन के उपसभापति चुने गए. एनडीए की तरफ से मैदान में थे हरिवंश सिंह. वे जदयू के नेता हैं और लगातार दूसरी बार उप सभापति पद के लिए चुने गए हैं. सदन के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने उप सभापति के लिए हरिवंश नारायण सिंह के नाम की घोषणा की. यूपीए की तरफ से मनोज झा को उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन बाद में सभी ने एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया. सदन के पिछले सत्र में भी हरिवंश नारायण सिंह उप सभापति के पद पर विराजमान थे.
सीट पर बैठे बैठे बोले सांसद, मोबाइल से लगी अटेंडेंस
सदन के भीतर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों को अपनी सीट पर बैठकर बोलने की परमिशन दी, जिसके बाद सभी सांसदों ने बैठकर सवाल-जवाब किए. सभी सांसद मास्क और ग्लव्स पहने नजर आए. दो गज की दूरी बनाकर सांसद बैठे थे. सदन में प्रश्नकाल नहीं हुआ, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा मचाया और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया. इसके बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रश्नकाल के मुद्दे पर सरकार का बचाव किया, साथ ही आधे घंटे का सीमित शून्यकाल रखने की सलाह दी. इससे पहले पहली बार सांसदों ने मोबाइल ऐप से अटेंडेंस लगाई. लोकसभा की कार्यवाही केवल 4 घंटे चली और उसके बाद मंगलवार दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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इस बार सत्र के दौरान 18 दिन लगातार कार्यवाही चलेगी. कोई छुट्टी नहीं होगी. शनिवार और रविवार को भी काम होगा. आमतौर पर दोनों सदनों में एक साथ काम होता है, लेकिन इस बार सदनों की कार्यवाही सुबह 9 बजे से एक बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक दो शिफ्ट में होगा. लोकसभा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे चलेगी. इसके बाद 15 सितंबर से एक अक्टूबर तक लोकसभा दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक और राज्यसभा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगी. मानसून सत्र में कुल 47 विधेयक पेश किए जाएंगे जिसमें 11 विधेयक ऐसे होंगे जो अध्यादेश की जगह लेंगे.
17 सांसद कोरोना पॉजिटिव, प्रवेश वर्मा को नहीं मिला प्रवेश
सदन की शुरुआत से पहले संसद के एंट्री पॉइंट पर सभी सांसदों का टेम्प्रेचर चेक हुआ. सभी की कोविड टेस्ट रिपोर्ट देखी गई और रिपोर्ट के निगेटिव होने पर ही अंदर जाने की परमिशन दी गई. सत्र की शुरुआत के पहले करीब 4000 लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ. इनमें सांसद, उनके स्टाफ, संसद के कर्मचारी और सिक्योरिटी पर्सनल भी शामिल हैं. सत्र से पहले सभी सांसदों की कोरोना जांच की गई, जिनमें 17 सांसदों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इनमें 12 बीजेपी और पांच अन्य दलों के हैं. बीजेपी के जो सांसद पॉजिटिव निकले हैं, उनके नाम इस तरह से हैं, मिनाक्षी, सुखबीर सिंह जौनपुरिया, सुकांता मजूमदार, अनंत कुमार हेगड़े, जनार्दन सिंह सिगरदवाल, विद्युत बारान महतो, प्रधान बरुआ, प्रताप राव पाटिल, राम शंकर कटारिया, प्रवेश वर्मा, सत्यपाल सिंह, रोडमल नागर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
अन्य पांच में हनुमान बेनीवाल, आंध्र प्रदेश से सांसद गोडडेती माधव, एन रेडप्पा, शिवसेना सांसद प्रताप राव जाधव, डीएमके सांसद सेलवम जी शामिल हैं. तृणमूल कांग्रेस के 7 सांसद सत्र में हिस्सा नहीं ले रहे हैं जिनमें राज्यसभा के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय भी शामिल हैं. भाजपा के दो सांसद भी नहीं आएंगे.