पार्टी पद देती है तो ले भी सकती है, मुझे पद की लालसा नहीं, लेकिन बात सम्मान-स्वाभिमान की है- पायलट

पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सारी बातें की गईं और यहां तक कि मेरे बारे में भी बहुत बातें हुईं, व्यक्तिगत तौर पर कुछ ऐसी बातें हुईं जिनका मुझे भी बुरा लगा, लेकिन संयम बनाए रखना चाहिए- सचिन पायलट

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में पिछले एक महीने से जारी सियासी घमासान अब लगभग थम गया है. सोमवार देर शाम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के साथ बैठक की. बैठक के बाद सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी पद देती है तो पार्टी पद ले भी सकती है. मुझे पद की बहुत लालसा नहीं है लेकिन मैं चाहता था कि जो मान-सम्मान-स्वाभिमान की बात हम करते थे वो बनी रहे. हमने हमेशा कोशिश की है कि जिनकी मेहनत से सरकार का निर्माण हुआ है उन लोगों की हिस्सेदारी, भागेदारी सुनिश्चित की जाए.

इससे पहले दिन में सचिन पायलट अकेले राहुल गांधी और प्रियंका प्रियंका गांधी से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे. चारों के बीच पायलट की वापसी के फॉर्मूले पर चर्चा हुई. इसके बाद राहुल और प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और सारी स्थिति से अवगत कराया. फिर सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात की. इसके बाद पायलट खेमे की शिकायतों के निस्तारण के लिए सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय एक कमेटी बनाई. बिना वक्त गंवाए प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल की ये कमेटी सोमवार रात दिल्ली की 15 जीआरजी रोड स्थित कांग्रेस के वार रूम पहुंची. यहां सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों से बातचीत हुई.

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बैठक के बाद सचिन पायलट ने कहा कि सरकार और संगठन के कई ऐसे मुद्दे थे जिनको हम रेखांकित करना चाहते थे. चाहे देशद्रोह का मामला हो, एसओजी जांच का विषय हो या फिर कामकाज को लेकर आपत्तियां हों, उन सभी के बारे में हमने आज आलाकमान को बताया है. साथ ही कहा कि पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सारी बातें की गईं और यहां तक कि मेरे बारे में भी बहुत बातें हुईं. व्यक्तिगत तौर पर कुछ ऐसी बातें हुईं जिनका मुझे भी बुरा लगा, लेकिन संयम बनाए रखना चाहिए. राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना की कोई जगह नहीं है.

सचिन पायलट ने कहा कि मुझे खुशी है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विस्तार से चर्चा की. साथी विधायकों की बातों को हमने सामने रखा. मुझे आश्वासित किया गया है कि तीन सदस्यीय की कमेटी जल्द इन तमाम मुद्दों का समाधान करेगी. ये सैद्धांतिक मुद्दे थे

इसके अलावा सचिन पायलट ने कहा कि मुझे लगता था कि डेढ़ साल की सरकार में काम करने के बाद मेरा अनुभव रहा है, वो मैं कांग्रेस आलाकमान के समक्ष लेकर जाऊं. मुझे लगता है कि उनका निवारण होगा. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किए गए हमलों के बारे में पायलट ने कहा कि हमने कभी भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल और आचरण नहीं किया जो हमारे योग्य नहीं है. सचिन पायलट ने आगे कहा कि हमारी जवाबदेही बनती है कि हम कैसे वादों को पूरा करें. पार्टी ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करना जरूरी है. मुझे लगता है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.

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वहीं, राजस्थान से राज्यसभा सांसद के सी वेणुगोपाल ने पायलट के साथ बैठक के बाद कहा कि कांग्रेस एक दूसरे का परस्पर सम्मान करते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ेगी. राहुल और सचिन पायलट के बीच खुशगवार माहौल में मुलाकात हुई है. पायलट ने कहा है कि वह कांग्रेस पार्टी के हित के लिए काम करते रहेंगे. सोनिया गांधी ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, ताकि पायलट और नाराज द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुलझाया जा सके. उन्होंने कहा कि हमारे सीएम गहलोत और पायलट दोनों खुश हैं. ये भाजपा के अलोकतांत्रिक चेहरे पर तमाचा है. वो लोग हॉर्स ट्रेडिंग करने वाले लोग हैं, लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं.

आपको बता दें कि पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है. 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था.

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