हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा! किंग मेकर की भूमिका में दुष्यंत चौटाला

Dushyant Chautala अगर कांग्रेस का साथ देते हैं तो बन सकते हैं हरियाणा के डिप्टी सीएम, एग्जिट पोल में JJP को मिल रही 6 से 10 सीटें

Dushyant Chautala
Dushyant Chautala

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा काफी उत्साह में थी कि मोदी लहर में मनोहर लाल खट्टर और सरकार को सत्ता वापसी में कहीं कोई कठिनाई नहीं आएगी. शायद कांग्रेस और दिल्ली में बैठे पार्टी आलाकमान को भी यही उम्मीद थी. सोमवार को मतदान हुआ और फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद कांग्रेस तो क्या भाजपा की धूरी पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी नहीं की होगी. प्रदेश में कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी को बराबर की टक्कर दे रही है. एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, जहां कांग्रेस को 32 तो भाजपा को 34 सीटें मिल रही हैं. अगर एग्जिट पोल सटीक या थोड़े इधर उधर भी होते हैं तो प्रदेश में त्रिशंकु सरकार बनना तय है. ऐसी स्थिति में कहना गलत न हो कि दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की पार्टी जननायक जनता पार्टी (JJP) एक किंग मेकर की भूमिका तय करेगी.

वजह है कि एग्जिट पोल जेजेपी को 6 से 10 सीटें दिला रहा है. इतनी ही सीटें इनेलो और निर्दलीयों को मिल रही है. इनेलो और दुष्यंत चौटाला का झुकाव कांग्रेस की तरफ ज्यादा है. ऐसे में उन्हें कांग्रेस का साथ देने में कोई तकलीफ नहीं होगी. संभावना तो इसकी भी बन सकती है कि दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को कांग्रेस की तरफ से डिप्टी सीएम का पद आॅफर किया जाए.

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हरियाणा में मुकाबले लायक स्थिति बनाने का पूरा क्रेडिट पूर्व मुख्यमंत्री और अनुभवी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जाता है जिन्होंने बहुत सोच समझकर और चालाकी से पार्टी निर्णयों में दखल देने वाले लोगों को बड़ी ही सफाई से साइड लाइन किया. अशोक तंवर उनमें से एक हैं. इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष सैलजा कुमारी के साथ स्थानीय राजनीति और चुनावी रणनीति को बखुबी साधने का काम किया. इस दौरान वे संभावित विजेता उम्मीदवार और अन्य स्थानीय घटकों से भी संपर्क साध रहे थे. माना तो ये भी जा रहा है कि उन्होंने जान बुझकर भाजपा का सारा ध्यान अशोक तंवर की ओर करा दिया और अंदर ही अंदर सारे मोहरे सेट कर दिए.

हुड्डा की रणनीति पर शक किसी को भी नहीं है. उनकी उम्र जरूर ढल रही है लेकिन राजनीतिज्ञ का अनुभव अभी भी युवा है. लंबे अरसे से प्रदेश कांग्रेस की रणनीति के केंद्र बिंदू रहे हुड्डा की सोच और दांव पेचों का ही असर है कि मतदान के दिन तक सत्ताधारी पक्ष के पक्ष में बह रही चुनावी लहर एकाएक कांग्रेस के पक्ष में बहने लगी.

खैर, जो भी हो वो भविष्य के गर्भ में छिपा है लेकिन एक बात तो तय है. अगर एक्जिट पोल के परिणाम इसी दिशा में आगे बढ़ते हैं तो निश्चित तौर पर एक साल पुरानी पार्टी जेजेपी और उसके चीफ दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) का भविष्य काफी उज्जवल है. इस पार्टी ने इनेलो को पीछे छोड़ते हुए लोकसभा चुनावों में तीसरे नंबर पर आकर सभी को चौंका दिया था. उसी से अनुमान लग गया था कि दुष्यंत चौटाला को राजनीति विरासत में मिली है. राजनीति माहौल के बीच पले बढ़े दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को कांग्रेस का साथ काफी कुछ दिला सकता है, इसमें कोई शक नहीं है.

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