सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे डॉ किरोड़ी लाल मीणा, इंटेलिजेंस और सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल

प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही पालनहार योजना, गोराधाय और उत्कर्ष स्कीम राहत देने में है नाकाफी, सरकार की ये सभा योजनाएं 'उंट के मुंह में जीरे के समान', सरकार किसी भी कारण से अनाथ हुए हर बच्चे के लिए कोविड की तर्ज पर ही पैकेज दे- मीणा

सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे डॉ किरोड़ी लाल मीणा
सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे डॉ किरोड़ी लाल मीणा

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ हर छोटे बड़े मुद्दे को लेकर मुखर रहने वाले बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा आज एक बार फिर सारी इंटेलिजेंस को चकमा देते हुए अचानक से सिविल लाइन्स स्थित सीएम हाउस के बाहर तक धरना देने पहुंच गए. राज्य में किसी भी तरह अनाथ हुए बच्चों को कोविड से अनाथ हुए बच्चों की तर्ज पर उचित आर्थिक पैकेज दिलवाने के लिए किरोड़ी लाल मीणा कई अनाथ बच्चों एवं उनके रिश्तेदारों के साथ सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठ गए.

डॉ किरोडी लाल मीणा के अचानक वहां पहुंचने पर सीएम आवास के बाहर मौजूद सुरक्षाबलों के एक बारकी हाथ पैर फूल गए. सांसद किरोड़ी लाल मीणा के इस तरह अचानक सीएम हाउस के बाहर पहुंच धरना देना इंटेलिजेंस पर कई सवाल खड़े करता है, क्योंकि मीणा के धरना स्थल तक पहुंचने की पुलिस महकमे के अधिकारी या इंटेलिजेंस में से किसी को खबर तक नहीं लगी. इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के लिए जो योजना चलाई जा रही है वह ‘ऊँट के मुँह में जीरे के सामान है‘. हालांकि करीब एक घण्टे के धरने के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की समझाइश पर सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने धरना समाप्त कर दिया.

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शनिवार दोपहर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा गाड़ियों के काफिले के साथ अपने एसएफएस स्थित आवास से मानसरोवर होते हुए सीएम आवास पहुंचे. जैसे ही सांसद किरोड़ी लाल मीणा का काफिला सिविल लाइन्स स्थित सीएम ने आवास के बाहर रुका तो गाड़ियों में से कई अनाथ बच्चे और उनके रिश्तेदार निकले और सांसद किरोड़ी लाल मीणा उनके साथ दिखे. किरोड़ी लाल मीणा वहीं उतर कर धरने पर बैठ गए. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ बिना किसी पूर्व सूचना के देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए. इसके तुरंत बाद सीएम सिक्योरिटी में लगे तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुँच गए. एकाएक हुई इस घटना ने प्रदेश के इंटेलिजेंस तंत्र की पूरी तरह पोल खोल कर रख दी.

आपको बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा धरने की पूरी तैयारी करके आये थे. धरनास्थल पर मौजूद अनाथ बच्चे एवं उनके रिश्तेदारों के हाथों में तख्तियां थी. किरोड़ी लाल मीणा के धरने को देख परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मौके पर पहुंचे और सांसद किरोड़ी लाल मीणा से मुलाकात की और उनकी मांगों पर जल्द से जल्द कार्यवाही का भरोसा दिलाया. इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश में अनाथ बच्चों के लिए चलाई जा रही पालनहार योजना, गोराधाय और उत्कर्ष स्कीम राहत देने में नाकाफी साबित हो रही है. सरकार की ये सभा योजनाएं ‘उंट के मुंह में जीरे के समान है. बहुत से अनाथ बच्चे अभी भी वंचित हैं. सांसद मीणा ने मांग की की सरकार किसी भी कारण से अनाथ हुए हर बच्चे के लिए कोविड की तर्ज पर ही पैकेज दे.

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सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार एक तरफ तो कोरोना से अपने परिजनों को खोने वाले अनाथ बच्चों के लिए पैकेज की घोषणा कर रही है जबकि दूसरी तरफ पहले से ही निराश्रित बच्चों के लिए घोषित की गई पालनहार योजना का फायदा बच्चों को नहीं मिल रहा है. किरोड़ी मीणा ने कहा कि पालनहार योजना में बहुत छोटी धनराशि मदद के रूप में दी जाती है और उससे भी कई बच्चे लंबे समय से वंचित हैं. सांसद मीणा ने मांग करते हुए कहा कि हर अनाथ बच्चे को एक लाख रुपए दिए जाएं. हर माह सात हजार रुपए बालिग होने तक और कॉलेज तक मुफ्त शिक्षा दी जाए. अनाथ बच्चों के राशन और खान पान की व्यवस्था सरकार करे. अनाथ बच्चे निजी स्कूल में पढ़ रहे हों तो उन्हें 25 हजार रुपए सालाना की एकमुश्त सहायता दी जाए.

आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इंटेलिजेंस को पूरी तरह फ़ैल साबित किया है. इससे पहले 8 अप्रैल को शंभु पुजारी का शव महवा थाने से उठा कर जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पहुंच गए थे, तब भी इंटेलिजेंस को कानों कान खबर नहीं हुई थी और सांसद महोदय शंभु पुजारी के शव को चोरी छुपे जयपुर तक ले आये हैं. इस तरह की घटना इंटेलिजेंस पर कई सवाल खड़े करती है. शनिवार को भी किरोड़ी ने किसी को भनक तक नहीं लगने दी और अचानक सीएम निवास के गेट पर पहुंचकर अनाथ बच्चों के साथ धरने पर बैठ गए.

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