केंद्र सरकार लोकतंत्र में ना करे कांग्रेस सरकारों को डराने का प्रयास, उनकी धमकियों से ना हम कल डरते थे और ना आज- खाचरियावास

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी शासित गुजरात में यह एक्ट लागू नहीं किया गया है, मोदी सरकार पहले गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ कार्रवाई करे

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. केंद्र सरकार द्वारा बीते साल सितंबर में देशभर में लागू किये गए मोटर व्हीकल कानून 2019 का बीजेपी शासित प्रदेशों सहित कई राज्यो ने पालन करने से इनकार कर दिया था. इस संदर्भ में सोमवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पत्र भेजकर संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के अनुरूप बढा हुआ जुर्माना नहीं वसूलने वाले राज्यों को राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है. केन्द्र सरकार के इस फरमान पर राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार पहले भाजपा शासित राज्यों में मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करे.

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी शासित गुजरात में यह एक्ट लागू नहीं किया गया है, मोदी सरकार पहले गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ कार्रवाई करे. खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार केंद्र सरकार के दबाव में नहीं आएगी. केंद्र की सरकार जो राष्ट्रपति शासन लागू करने की धमकी दे रही है ये धमकी की भाषा लोकतंत्र में ठीक नहीं है. इस धमकी की भाषा से न तो हम कल डरते थे ना आज डरते है. यह देश संविधान के अनुसार चलता है. जिस तरह से केंद्र सरकार इंकम टैक्स, सीबीआई और ईडी के माध्यम से डराने का काम करती है उससे कौन डरता है. इस लोकतंत्र में कांग्रेस की सरकारों को डराने की जरूरत नहीं है.

मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में 17 सेक्शन ऐसे हैं जिनमें हमें जुर्माने की राशि कम करने का अधिकार है. देश में केंद्र सरकार बीजेपी की है और सरकार के मंत्री नितिन गडकरी जी अपने ही बीजेपी शासित राज्य गुजरात में इस कानून को लागू नहीं करवा पाये. गुजरात की सरकार ने तो वहां पर हेलमेट तक हटा दिया. यहां 40 हजार रूपये की मोटर साइकिल और 25 हजार रूपये का जुर्माना क्या संभव है. संविधान के अनुसार केंद्रीय मोटर व्हीकल कानून में जो जुर्माने की राशि कम करने का हमारा अधिकार है, उसके अनुसार हम जुर्माना राशि कम कर रहे हैं. राजस्थान सरकार को यह कानून लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है इस कानून को हम लागू करेंगे. हमने जुर्माना राशि कम करके विधि विभाग को फाइल भेज दी है. संविधान के अनुसार केंद्र सरकार काम करती है ओर उसी के अनुसार हम काम करते है. हमें संविधान के अनुसार काम करना आता है ओर उसी के अनुसार हम काम करेंगे.

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गौरतलब है कि सोमवार को लिखे पत्र में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जुर्माने की राशि में कमी करने वाले राज्यों को स्पष्ट कहा है कि ऐसा करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. संसद में पारित मोटर व्हीकल एक्ट में राज्य सरकार अपने स्तर पर बदलाव कर जुर्माने की राशि कम नहीं कर सकती है. राष्ट्रपति की अनुमति के बाद ही इसमें बदलाव किया जा सकता है. राज्यों के इस कानून को लागू नहीं करने पर अब केंद्र सरकार ने कानून के अनुरूप बढा हुआ जुर्माना नहीं वसूलने वाले राज्यों को राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है.

बता दें, केंद्र के नियमों को दरकिनार कर जो राज्य अपने यहां बढ़ा जुर्माना नहीं वसूल रहे हैं, उनमें भाजपा शासित उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक और असम समेत सात राज्य भी शामिल हैं. अन्य तीन राज्य झारखंड, केरल और मणिपुर हैं जिनको इस संबंध में सोमवार को केंद्र की ओर से पत्र भेज दिया गया है. अब अगर राज्य सरकारें जुर्माने की राशि घटाती हैं तो सम्बंधित राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई है.

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