मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंची दीदी कागज थमा कर निकल गईं, वहीं पटनायक ने किया केंद्र की सहायता लेने से इंकार

यास से नुकसान का दौरा लेने ओडिशा और बंगाल पहुंचे पीएम मोदी, समीक्षा बैठक में सीएम बनर्जी 30 मिनट की देरी से पहुंचीं, मुख्य सचिव भी बैठक में देरी से पहुंचे, साइक्लोन से प्रदेश में हुए नुकसान से जुड़े कुछ दस्तावेज दिए और मीटिंग से वापस चलीं गईं ममता, वहीं पटनायक बैठे पूरी मीटिंग में बल्कि कोरोना के दबाव में चल रही केंद्र सरकार से सहायता लेने से भी किया इनकार

मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंची ममता बनर्जी कागज थमा कर निकल गईं
मोदी की मीटिंग में देरी से पहुंची ममता बनर्जी कागज थमा कर निकल गईं

Politalks.News/WestBengal-Odisha. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को समाप्त हुए एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच की तल्खी शायद अभी मिटी नहीं है. पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए यास चक्रवात से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और नुकसान का जायजा लेने आज प्रधानमंत्री पहले ओडिशा और बाद में बंगाल पहुंचे. पश्चिम बंगाल में यास की तबाही के बाद हुए नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई समीक्षा बैठक में पहले तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 मिनट की देरी से पहुंचीं. यही नहीं बंगाल के मुख्य सचिव भी इस बैठक में देरी से पहुंचे. इसके भी ऊपर मीटिंग में पहुंचकर ममता बनर्जी ने साइक्लोन से प्रदेश में हुए नुकसान से जुड़े कुछ दस्तावेज दिए और मीटिंग से वापस चलीं गईं. वहां मौजूद सुत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी का कहना था कि उन्हें कुछ जरूरी बैठकों में जाना है. ऐसे हालातों में तो केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी पार्टी और टीएसमी के बीच एक बार फिर से टकराव बढ़ सकता है.

पीएम मोदी की मीटिंग के बाद सीएम ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव ने पीएम नरेंद्र मोदी को यास चक्रवात से सूबे में हुए नुकसान के संबंध में रिपोर्ट सौंपी है. बता दें, इस मीटिंग से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने ओडिशा और बंगाल में यास से हुए नुकसान का हवाई सर्वे भी किया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे.

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आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे थे और यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया था. एक तरफ बंगाल में समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी देरी से पहुंचीं तो वहीं ओडिशा में सीएम नवीन पटनायक पूरी मीटिंग में मौजूद रहे. यही नहीं नवीन पटनायक ने बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार इन दिनों कोरोना संकट की वजह से दबाव में है, ऐसे में हम यास चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र से किसी तरह के पैकेज की मांग नहीं करेंगे. ओडिशा के सीएम ने कहा कि राज्य के संसाधनों के जरिए ही हम यास से पैदा हुए संकट से निपटने का प्रयास करेंगे.

शुभेंदु अधिकारी को बुलाने से नाराज थीं दीदी
दरअसल, पश्चिम बंगाल में यास से हुए नुकसान की रिव्यु मीटिंग में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को मिले न्योते से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज थीं और सूत्रों की मानें तो जब उनको यह पता लगा कि इसमें शुभेंदु को भी बुलाया गया है तो दीदी भड़क गईं थीं. उसके बाद ही यह खबर आ गई थी कि कालीकुंडा में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी, हालांकि वह केवल एक दस्तावेज को सौंपने के लिए कालीकुंडा जाएंगी, जिसमें यास तूफान से हुए नुकसान का पूरा ब्यौरा होगा. ममता के इस कदम से राज्य और केंद्र के बीच मतभेद और बढ़ना तय माना जा रहा है.

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आपको बता दें, यास तूफान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिव्यू मीटिंग में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, सीएम ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री और बंगाल से सांसद देबाश्री चौधरी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को शामिल हुए. इसके साथ ही बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को भी न्योता मिला था, जिसके कारण ममता बनर्जी बैठक में आईं भी और रुकी भी नहीं.

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