शिवराज कैबिनेट पर कांग्रेस के करारे तंज, कमलनाथ ने कहा- आगे आगे देखिए, अंत का आरम्भ- जीतू पटवारी

अपने कद्दावर नेताओं को बाहर रखकर बीजेपी ने दलबदलुओं को तरजीह दी है, अब आगे-आगे देखिए कितने दिन सरकार चला पाते हैं- कमलनाथ, शिवराज का मंत्रीमंडल मप्र के दुर्भाग्य की शुरुआत- जीतू पटवारी तो सांसद विवेक तन्खा ने मंत्रिमंडल को बताया असंवैधानिक

कांग्रेस ने साधा शिवराज कैबिनेट पर निशाना
कांग्रेस ने साधा शिवराज कैबिनेट पर निशाना

पॉलिटॉक्स न्यूज़/मध्यप्रदेश. करीब 28 दिन बाद हुए शिवराज मंत्रिमंडल के गठन पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाया कि, ‘महीने भर बाद भी बीजेपी सिर्फ 5 मंत्री ही बना पाई और अपने कद्दावर नेताओं को बाहर रखकर बीजेपी ने दलबदलुओं को तरजीह दी है, अब आगे-आगे देखिए कितने दिन सरकार चला पाते हैं.’ वहीं विधायक जीतू पटवारी ने कहा, ‘शिवराज का मंत्रीमंडल मप्र के दुर्भाग्य की शुरुआत है..! गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ को नज़रअंदाज़ करना और बिकाऊ लोगों के लिये अपने ही लोगों को किनारे करना अस्वस्थ परंपरा है, ये बीजेपी के अंत का आरंभ है.’ इसके साथ ही राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने शिवराज मंत्रिमंडल को असंवैधानिक बताया और संविधान की धारा 164 ए का हवाला देकर कहा की कम से कम 12 मंत्री बनने चाहिए थे.

शिवराज सिंह की नैनो कैबिनेट पर निशान साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा- कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में आज मंत्रिमंडल गठन से भाजपा ने प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता के साथ मज़ाक़ किया है.एक महीने बाद मंत्रिमंडल का गठन वो भी सिर्फ़ 5 मंत्री और विभाग का बँटवारा नहीं ?इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा में कितना अंतर्द्वंद चल रहा है, कितना आंतरिक संघर्ष चल रहा है

पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे लिखा- प्रलोभन का खेल खेलकर इन्होंने कांग्रेस की स्थिर सरकार तो गिरा दी, अपनी सरकार बना ली. लेकिन यह सरकार ये चलाएंगे कैसे ? कितने दिन चलाएंगे ? आगे-आगे देखिये ? उन्होंने लिखा इस मंत्रिमंडल के गठन से ही बीजेपी के संघर्ष की वास्तविकता सामने आ चुकी है.

अपने तीसरे ट्वीट में पूर्व सीएम कमलनाथ ने लिखा- आज के मंत्रिमंडल गठन में ही भाजपा के कई ज़मीनी संघर्ष करने वाले अनुभवी, ईमानदार, योग्य , संकट के इस दौर में जिनके अनुभव की आज आवश्यकता थी , वो सब नदारद और जो संकट में भाग खड़े हुए वो अंदर हैं.

वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि- एक महीने बाद मंत्रीमंडल बना,
उसमें भी विभाग की जगह संभाग दिये, प्रदेश आज भी स्वास्थ्य मंत्री विहीन ही है..! यही तो पंगु सरकार के लक्षण हैं

जीतू पटवारी ने लिखा- यदि 5 लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है तो 28 को क्यों नहीं..? दरअसल बीजेपी की अंदरूनी कलह के कारण मध्यप्रदेश को एक पूरा मंत्रीमंडल भी नसीब नहीं हो पा रहा है…

एक अन्य ट्वीट में विधायक जीतू पटवारी ने लिखा कि- शिवराज सिंह चौहान का यह मंत्रिमंडल मध्यप्रदेश के दुर्भाग्य की शुरुआत है…! गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ को नज़रअंदाज़ करना और बिकाऊ लोगों के लिये अपने ही लोगों को किनारे करना अस्वस्थ परंपरा है, ये बीजेपी के अंत का आरंभ है…

यह भी पढ़ें: एमपी में शिवराज मंत्रिमंडल का हुआ गठन, वरिष्ठता, पसंद और वर्गीय समीकरण को साधते हुए बने पहले 5 मंत्री

वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी शिवराज मंत्रिमंडल के गठन पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की. तन्खा ने मंत्रिमंडल गठन को असंवैधानिक बताया. तन्खा ने संविधान की धारा 164 ए का हवाला देकर कहा कम से कम 12 मंत्री बनने चाहिए थे. तन्खा ने सवाल उठाया कि बीजेपी को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज क्यों हैं ? इसके साथ ही सांसद विवेक तन्खा ने कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका में रहे काँग्रेस से बीजेपी में गए बाकी वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति पर भी तंज कसा.

Leave a Reply