आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की नई बनी YSR जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) की सरकार इन दिनों गजब ढा रही है. पिछली सरकार चला रही पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेताओं पर उसका कहर टूटने लगा है. पिछली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ मामले खंगाले जा रहे हैं और उनके विरोध को कुचलने में सरकार की ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है. आंध्र प्रदेश में जो वातावरण बन रहा है, उससे ऐसा लगता है कि नई सरकार ने कभी राष्ट्रीय स्तर पर कद्दावर रहे तेदेपा नेता चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) को दयनीय स्थिति में पहुंचाने का इरादा बना ही लिया है. ताजा घटनाक्रम यह है कि चंद्रबाबू नायडू और उनके पुत्र नारा नायडू (Nara Naidu) नजरबंद कर दिए गए हैं.
नई सरकार बनने के बाद विपक्ष के कार्यकर्ताओं पर हमले की घटनाओं के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू बुधवार को प्रदर्शन करने वाले थे. इसके लिए चलो आत्माकुर रैली की घोषणा हो चुकी थी. उंडावल्ली स्थित घर से नायडू अपने पुत्र नारा लोकेश के साथ रैली में जाने के लिए निकले, पुलिस ने उन्हें घेर लिया. पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका और सरकार के विरोध में निकलने वाली रैली को शुरू होने से पहले ही रुकवा दिया. बाद में पुलिस ने नायडू और उनके पुत्र को विजयवाड़ा में नजरबंद कर दिया.
चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने कहा, ऐसी तानाशाह सरकार कभी भी नहीं देखी, जो लोकतंत्र को ही कुचलने में लगी है. पुलिस किसी को उनके घर आने से कैसे रोक सकती है? उन्होंने कहा, बुधवार का दिन आंध्र प्रदेश के लिए काला दिन है. इसके साथ ही नायडू ने पुलिस के रवैये के खिलाफ 12 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी और पार्टी के अन्य नेताओं से भी ऐसा ही करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने जो तरीका अपनाया है, वह इतिहास में लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा. नायडू ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तेदेपा कार्यकर्ताओं को बेवजह प्रताड़ित कर रही है. नायडू को नजरबंद करने के साथ ही राज्य भर में कई अन्य तेदेपा विधायकों, नेताओं को भी पुलिस ने रोक लिया है और बड़ी संख्या में विपक्ष के कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं.
नायडू के बंगले के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात होने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है. नायडू बुधवार सुबह नौ बजे अपने घर से निकले. उन्हों गुंटूर स्थित पुनर्वास शिविर पहुंचना था. उस समय पुलिस ने नायडू के घर के आसपास के सारे रास्तों पर नाकाबंदी कर दी थी. पुलिस अधिकारियों का कहना था कि वे किसी को भी इस इलाके से बाहर नहीं निकलने देंगे. प्रशासन से रैली की अनुमति नहीं ली गई है. तेदेपा के महासचिव नारा लोकेश पुलिस से उलझ गए. वह पूछ रहे थे, रैली रोकने का मजिस्ट्रेट का आदेश कहां है?
आंध्र प्रदेश में राजनीतिक रैलियों को रोकने का पुराना इतिहास है. पुलिस ने तेदेपा की रैली के विरोध में वाईआरएससी पार्टी के मार्च को भी मंजूरी नहीं दी है. वाईआरएससी पार्टी के कई नेताओं को भी पुलिस ने रोक लिया है. उनका कहना है कि नायडू ने अगर पलनाडु का दौरा किया तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता तेदेपा के अवैध और गैर लोकतांत्रिक कार्यों का खुलासा करेंगे.