सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की दो याचिकाओं में से एक को किया खारिज़, याचिका में 2002 की गुजरात सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बिलकिस के साथ बलात्कार करने और परिवार के कई सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को SC द्वारा मई 2022 में दिए रिहाई आदेश की समीक्षा करने की की गई थी मांग, इस आदेश में गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई याचिका पर पुनः विचार करने के लिए की गई थी अपील, हालांकि, बिलकिस की दूसरी याचिका, जो दोषियों की रिहाई के आधार को चुनौती देती है, इस फैसले से नहीं होगी तुरंत प्रभावित, मामले में 2008 में बिलकिस के 11 गुनहगारों क ठहराया गया था दोषी, जेल में लगभग 15 साल बिताने के बाद, 11 दोषियों में से एक ने आजीवन कारावास की नीति के अनुसार समय से पहले रिहाई के लिए अदालत से की थी मांग, फिर यह विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट तक, सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में गुजरात सरकार से कहा कि इन गुनहगारों की याचिका पर किया जाना चाहिए विचार, इसके बाद, तीन महीने से भी कम समय में सभी दोषी हो गए थे मुक्त.