PoliTalks.News. भारत-चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मोदी सरकार पर तीखे हमले बदस्तूर जारी है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी स्टेट काउंसिलर वांग यी की बातचीत को लेकर दोनों पक्षों की ओर से जारी किए गए बयान पर अंगुली उठाते हुए राहुल गांधी ने फिर से केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बातचीत में दोनों देशों के बीच भारत की ओर से यथास्थिति को कायम रखने पर जोर क्यों नहीं दिया गया? इसके साथ ही उन्होंने सरकार से तीन सवाल भी पूछे हैं.
राहुल ने अपने ट्वीट में NSA अजीत डोभाल और चीनी स्टेट काउंसिलर वांग यी की बातचीत को लेकर दोनों पक्षों की ओर से जारी किए गए बयान को शेयर किया. पूर्व कांग्रेस सांसद ने ट्वीट पर लिखा ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि है और भारत सरकार का कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे.’ इसके बाद उन्होंने मोदी सरकार से तीन सवाल पूछे हैं..
यह भी पढ़ें: चीनी घुसपैठ पर सरकार को कोसने वाले राहुल गांधी डिफेंस कमेटी की मीटिंग में नहीं जाते: जेपी नड्डा
1. बातचीत में भारत की ओर से यथास्थिति को लेकर दबाव क्यों नहीं डाला गया?
2. चीन हमारे भूभाग में 20 निहत्थे जवानों की हत्या को सही कैसे ठहरा पा रहा है?
3. गलवान घाटी में हमारी क्षेत्रीय संप्रुभता का जिक्र क्यों नहीं है?
National interest is paramount. GOI's duty is to protect it.
Then,
1. Why has Status Quo Ante not been insisted on?
2. Why is China allowed to justify the murder of 20 unarmed jawans in our territory?
3. Why is there no mention of the territorial sovereignty of Galwan valley? pic.twitter.com/tlxhl6IG5B— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2020
गौरतलब है कि बीती रात विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई थी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल की चीनी स्टेट काउंसिलर वांग यी से इलाके में शांति कायम करने को लेकर बातचीत हुई थी. यह खबर भी आई थी कि लद्दाख में एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) से दोनों देशों की सेनाएं आपसी सहमति से पीछे हट रही हैं और चीन ने अपने सैनिकों को गलवान नदी घाटी में एक किलोमीटर पीछे किया है.
चीनी सेना के 15 जून को एलएसी पर झड़प वाली जगह से पेट्रोल पॉइंट 14 से 1.5 से 2 किलोमीटर पीछे हटने की खबर है. भारतीय जवान भी पीछे आ गए हैं और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर ज़ोन बना दिया गया है. हालांकि सवाल अभी भी वही खड़ा होता है कि जब चीनी भारतीय सीमा में अंदर आए ही नहीं तो पीछे हटने का सवाल कहां आता है?