40 साल पुरानी पार्टी 70 साल पहले जन्में लोगों से नागरिकता का प्रमाण मांग रही: ममता बनर्जी

लगातार चौथे दिन CAA के विरोध में सड़कों पर उतरी बंगाल सीएम, ममता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराया जाए, जनमत संग्रह में जो हारेगा, उसे इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए

Mamta on Proof of Citizenship
Mamta on Proof of Citizenship

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार चौथे दिन भी बगावती तेवरों के साथ दिखी. गुरुवार को आयोजित तृणमूल कांग्रेस की रैली में बंगाल सीएम ने सीएए और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराने की मांग की (Proof of Citizenship). ममता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर जनमत संग्रह कराया जाए, जनमत संग्रह के बाद देखते हैं कि कौन जीतता है. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि जनमत संग्रह में जो हारेगा, उसे इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि मैं तुमको चुनौती देती हूं, देश को फेसबुक और सांप्रदायिक दंगों का इस्तेमाल कर विभाजित करने की कोशिश मत करो.

तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा, ‘आजादी के कई वर्षों के बाद हमें नागरिकता साबित करने की क्यों जरूरत है? एक ऐसी पार्टी जो 1980 में बनी थी वो अब 1950, 1960 और 1970 में जन्में लोगों से नागरिकता का सबूत मांग रही है (Proof of Citizenship). आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें यह साबित करना है कि हम भारतीय नागरिक हैं. यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है बल्कि देश के लिए एक आंदोलन है. यह लोकतंत्र को बहाल करने के लिए संघर्ष है’.

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ममता ने पार्टी नेता रामचंद्र गुहा की गिरफ्तारी पर कहा कि आज रामचंद्र गुहा को हिरासत में लिया गया. उनकी गलती थी कि वह गांधी की एक तस्वीर के साथ विरोध कर रहे थे (Proof of Citizenship). आप किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से करते हो. मैंने आज घंटी बजाई और कुछ लोग इसे तुम्हारे अंत की आवाज कह सकते हैं. यह लोकतंत्र को बचाने की हमारी लड़ाई है’.

ममता ने सत्ताधारी पार्टी से सवाल पूछते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता तब कहां थे, जब स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया जा रहा था? यह शर्मनाक है कि हमारे अभिभावकों को दस्तावेज निकालने पड़ रहे हैं. बीजेपी ने पहले कहा कि आधार जरूरी है (Proof of Citizenship). अब कह रहे हैं कि यह जरूरी नहीं है. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि आम चुनावों में उन्हें भले ही 32 फीसदी वोट मिले लेकिन 68 फीसदी लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया है.

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ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून में पड़ौसी देश श्रीलंका का जिक्र न होने पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान भारत का भाई है तो श्रीलंका क्यों नहीं है. बंगाल सीएम ने जनता से भी सड़कों पर उतरने की अपील करते हुए कहा कि लोग घर में न बैठें बल्कि राजनीतिक विचारधारा भूलकर सड़कों पर उतरें (Proof of Citizenship).

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