पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लखनऊ में आयोजित पार्टी के सदस्यता ग्रहण समारोह में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए हिंदू-मुसलमान की राजनीति करने का आरोप लगाया. यादव ने कहा कि हमारी सरकार जहां उत्तर प्रदेश को विकास की तरफ ले जा रही थी, वहीं योगी सरकार ने विकास का रास्ता रोक राज्य को विनाश के रास्ते पर ले जाने का काम किया है. अखिलेश यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर धर्म के नाम पर नफरत फैलाने का आरोप भी लगाया.
इससे पहले अखिलेश यादव ने हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह और उनके साथियों के पार्टी में शामिल होने पर उनका स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि योगी सरकार अपने पहले ही दिन से अन्याय कर रही है. विरोध करने वालों पर झूंठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. अब तो मुख्यमंत्री के पास समय भी नहीं बचा है, उनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. इस अवसर पर हिंदू युवा वाहिनी के साथ ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि योगी आदित्यनाथ की सरपरस्ती वाली हिंदू युवा वाहिनी के लोग हमारे साथ आ गए हैं. जो लोग दूसरों की नागरिकता ले रहे थे, अब उन्हीं लोगों की नागरिकता खतरे में आ जाएगी. हमें भरोसा है कि बीजेपी के लोग जो धर्म की आड़ में अधर्म कर रहे थे, उसका भी खुलासा ये लोग कर देंगे.
वहीं अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि उनके पास हिंदू और मुसलमान के अलावा कोई ओर नारा नहीं है. अभी नागरिकता को लेकर कितना बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. मामला असम से शुरू हुआ लेकिन कोई असम के लोगों से पूछे कि क्या वे वहां हुई एनआरसी की कवायद से संतुष्ट हैं? असम में जैसे ही बीजेपी को मौका मिला, उन्होंने वहां भी हिंदू-मुसलमान करा दिया. बीजेपी सरकार ने किसी वर्ग को कोई सुविधा नहीं दी. केवल नफरत फैलाई जा रही है ताकि उसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके.
हिन्दू वाहिनी सहित बसपा के नेताओं को सपा में शामिल करने पर अखिलेश यादव ने कहा, ”यह परंपरा तो बीजेपी ने ही शुरू की है. उसने हमारे विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब को ले लिया और उनसे कहा कि जाओ हनुमान जी की पूजा करो.” कार्यक्रम में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी शरीक हुए.