‘बड़ी बुरी है शराब लेकिन, थोड़ी-थोड़ी पिया करो’- मांझी ने दारू को बताया दवा, मेडिकल साइंस का दिया हवाला: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज कल शराब के मामले में महाभारत की प्रसिद्ध पंक्ति ‘अश्वथामा हत:, नरोवा कुंजरोवा’ की तर्ज पर अपनी पैनी जुबान को धार देने में लगे, न तो वह शराब के पक्ष में हैं और न ही इसके विरोध में, वह गरीबों का हवाला देते हुए कहते चल रहे हैं कि- ‘बड़ी बुरी है शराब पर मेडिकल साइंस कहता है कि थोड़ी थोड़ी पिया करो, वह भी रात के दस बजे के बाद’, ऐसा ही कुछ पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने गया के डुमरिया में अपने भाषण में कहा, मांझी ने कहा- ‘जब मैं नौ साल का था, तो घर में बाबूजी और मां दोनों ही बनाते थे देसी शराब, यही नहीं दोनों पीते भी थे, एक दिन शराब को लेकर दोनों के बीच हो गया था झगड़ा, बाबूजी ने मां की कर दी पिटाई, हमें बहुत बुरा लगा तो हमने बाबूजी के सामने जताया विरोध, मेरी जिद्द पर मां-बाबूजी दोनों ने छोड़ दी शराब, हम और हमारा छोटा भाई दोनों पढ़ने लगे, छोटा भाई पुलिस इंस्पेक्टर हो गया और हम आज इस मुकाम पर पहुंचे’, बिहार की सियासत में शराबबंदी को लेकर लगातार हो रही है बयानबाजी, सीएम नीतीश शराब बंदी को लेकर लोगों से लगातार कर रहे हैं समझाइश
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