पॉलिटॉक्स ब्यूरो. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बार फिर सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर निशाना साधा है. सीएम ममता ने कहा कि मेरे पास भी मेरी मां का जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. ऐसे में क्या आप (बीजेपी) मुझे देश से बाहर निकाल देंगे? सीएम बनर्जी ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को काले जादू की तरह बताया. उन्होंने कहा कि ये तीनों ही ब्लैक मैजिक की तरह है क्योंकि प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खौफ मात्र से प.बंगाल में 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
वहीं ममता दीदी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी. ममता बनर्जी ने दावा किया कि बीजेपी को पता है कि वे दिल्ली चुनाव जीत नहीं पाएंगे, इसलिए गोलियां चलवा रही है. याद दिला दें, हाल में टीएमसी ने कहा था कि वे दिल्ली में आम आदमी पार्टी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को समर्थन दे रहे हैं.
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गौरतलब है कि ममता दीदी नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े बिल को संसद में पेश किये जाने के समय से ही मुखर रूप से विरोध कर रही हैं. वे सीएए के साथ एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लगातार पदयात्रा निकाल रही हैं. ममता का कहना है कि सीएए संविधान के खिलाफ है और इसे जब एनआरसी से जोड़ दिया जाएगा तो और भी घातक होगा. मुख्यमंत्री एनआरसी को लेकर बार-बार असम का उदाहरण देती हैं.
वहीं केंद्र सरकार ने एनआरसी को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने प्रश्नों के लिखित उत्तर में कहा कि फिलहाल तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन विपक्षी दलों का मानना है कि मोदी सरकार एनपीआर के माध्यम से एनआरसी को लेकर कदम उठा चुकी है. विपक्ष सरकार पर एनआरसी न लाने की बात स्वीकार करने का दवाब डाल रही है.
बता दें, प.बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीएए, एनसीआर और एनपीआर पर अपनी लड़ाई अकेले ही लड़ रही है. हाल में सीएए एनसीआर और एनपीआर के खिलाफ हुई विपक्ष की एक संयुक्त सभा में ममता बनर्जी ने भाग लेने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उनका कहना था कि वे अपनी लड़ाई खुद करेंगे. इस संयुक्त बैठक की अगुवाई कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की थी.