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महात्मा गांधीजी की 150वीं जयंती पर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस गांधीजी के विचारों का अनुसरण कर पैदल मार्च और पदयात्रा निकाल प्रतिदिन 5 से 15 किमी. पैदल चलने का प्रण कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और खुद राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेता गांधी टोपी लगाए पैदल यात्रा पर निकल चुके हैं. वहीं भाजपा भी गांधीजी के विचारों को आत्मसाध करते हुए पदयात्रा निकाल रही है. दोनों पार्टियों के इस कदम पर तंज मारते हुए बीएसपी प्रमुख मायावती (Mayawati) ने क्लास लगाई है.

मायावती ने कांग्रेस के लिए कहा कि लंबे समय तक सत्ता में रहकर जब वे गांधीजी के सपने को पूरा नहीं कर पाए तो अब पदयात्रा निकालने से क्या होगा. वहीं भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए मायावती ने इन कार्यक्रमों के पीछे अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का आरोप लगाया.

सोशल मीडिया पर अपना पहला ट्वीट मायावती ने भाजपा को समर्पित करते हुए कहा, ‘गांधीजी की 150वीं जयंती पर यूपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उनके कार्यों का व्याख्यान करना नहीं बल्कि इसकी आड़ में बीजेपी द्वारा अपनी सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालना असली मकसद है.’

वहीं दूसरे ट्वीट में कांग्रेस और भाजपा दोनों के बारे में कहा, ‘केन्द्र व उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में सर्वाधिक समय तक सत्ता में रहने के बावजूद जब कांग्रेस पार्टी गांँधीजी का सपना थोड़ा भी साकार नहीं कर पाई तो अब सत्ता से बाहर रहकर ‘पदयात्रा’ करने से क्या होगा? जनता सावधान रहे.’

अपने दोनों ट्वीट में मायावती ने दलितों के साथ समान आचरण करने वाली गांधीजी की विचारधारा को व्यक्त किया है. गांधीजी मरते दम तक छोटे-बड़े में भेदभाव न करने की विचारधारा पर कायम रहे. मायावती तो खुद दलित नेता है. ऐसे में उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ही इस बात को लेकर शब्द वार किया.

अब उनके ये ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. बसपा समर्थक तो मायावती का तारीफ कर रहे हैं लेकिन बाकी लोग खुद बसपा प्रमुख को ट्रोल करते हुए कह रहे हैं कि वे भी यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं लेकिन उन्होंने भी इस दिशा में क्या काम किया, ये जनता जानना चाहती हैं.

उनके ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कुछ इस प्रकार की प्रतिक्रियाएं व्यक्त की….

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