इनका तो हाथ पकड़ा है, हमारे तो गले लगते थे, जब हमें छोड़ गए तो विजयवर्गीय क्या चीज हैं- पटवारी का तंज

कभी एक दुसरे का नाम सुनने मात्र से भड़क उठने वाले मध्यप्रदेश के दो दिग्गज भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया आज एक दूसरे का हाथ थामे आ रहे हैं नजर, विजयवर्गीय से सिंधिया की बढ़ रही नजदीकियों को लेकर कांग्रेस नेकसा जोरदार तंज

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Politalks.News/MadhyaPradeshPolitics. जैसा कि हमने अपनी खबरों में कई बार लिखा है कि राजनीति में कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता होता. गहरे जानी दुश्मन कब गहरे दोस्त बन जाएं किसी को नहीं पता होता. कभी एक दुसरे का नाम सुनने मात्र से भड़क उठने वाले मध्यप्रदेश के दो दिग्गज भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया आज एक दूसरे का हाथ थामे नजर आ रहे हैं. बता दें, कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी में जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आने वाले चुनाव से पहले प्रदेश में अपनी पैठ जमाने में लगे हैं. इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से सिंधिया की बढ़ रही नजदीकियों को लेकर कांग्रेस ने जोरदार तंज कसा है. प्रदेश के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि सिंधिया हमसे तो गले मिलते थे, उनका तो बस हाथ पकड़ा है, जब हमें छोड़कर चले गए तो विजयवर्गीय किस खेत की मूली हैं.

दरअसल, बीते रोज बुधवार को इंदौर में कांग्रेस की एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिग्गज कांग्रेस नेता जीतू पटवारी से बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के रिश्तों में हो रहे जुड़ाव को लेकर सवाल किया गया था. यहां आपको बता दें की मध्यप्रदेश की राजनीति के दोनों बड़े नाम सिंधिया और विजयवर्गीय दोनों नेता पहले एक-दूसरे के कट्टर विरोधी थे, लेकिन इन दिनों दोनों कई मौकों पर दोनों साथ नजर आए हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कैलाश विजयवर्गीय का हाथ पकड़कर मंच तक ले जाते नजर आए थे.

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इसी वाकये को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने जब सवाल किया तो इस पर जीतू पटवारी ने कहा कि राजनीति एक ऐसी विधा है, जिसमें जो सबसे ज्यादा प्यारा होता है, जिसके समर्पण के लिए जनता के सामने भाषणों में कस्में और वादे किए जाते हैं. उनके एक-दूसरे को छोड़ने और पकड़ने के हजारों उदाहरण हैं. पटवारी ने कहा, “सिंधिया हमसे गले मिलते थे, प्यार करते थे और अच्छी-अच्छी बातें करते थे, तो जब सिंधिया हमें छोड़कर चले गए तो, कैलाश विजयवर्गीय किस खेत की मूली हैं.”

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आपको बता दें, अलग अलग पार्टियों में रहने के दौरान और सिंधिया के बीजेपी में आने के बाद भी कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी एक दूसरे का नाम सुनते ही बरस पड़ते थे, लेकिन पिछले एक महीने से दोनों के रिश्ते बदलते नजर आ रहे हैं. इससे प्रदेश की राजनीति में सियासी खलबली मची हुई है. उनकी इन नजदीकियों को लेकर अलग-अलग कयास भी लगाए जा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस ने भी हिंट दिए हैं. कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि पहले कभी एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करते थे. अब घर बेटे के साथ खाना खाने जाना, मंच पर हाथ पकड़कर ले जाना, इस बदलाव के पीछे कुछ तो है. कांग्रेस का कहना है कि एमपीसीए के आगामी चुनाव में बेटे की ताजपोशी के लिए हैं या एमपी की भविष्य की राजनीति के कोई संकेत है… जो भी हो, जल्द ही सामने आएगा.

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