प्रवासी मजदूरों पर तेज हुई जंग: शिवसेना ने मोदी-शाह पर साधा निशाना तो योगी ने किया पलटवार

नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में कुम्भ मेले के दौरान चार सफाईकर्मियों के पैर धोकर जो मानवता दिखाई थी वह पिछले तीन महीने में समाप्त हो गई- शिवसेना, महाराष्ट्र सरकार ने 'सौतेली मां' बनकर भी कामगारों को सम्भाला होता तो उन्हें वापस नहीं लौटना पड़ता- योगी

Sanjay Raut
Sanjay Raut

पॉलिटॉक्स न्यूज/महाराष्ट्र. प्रवासी मजदूर संकट पर यूपी में सियासत अभी तक गर्म है लेकिन अब इसकी तपन में महाराष्ट्र भी तपने लगा है. लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न प्रवासी श्रमिक संकट और कोरोना वायरस को काबू में करने को लेकर जहां शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया, तो योगी ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र को ‘सोतेली मां’ कहकर संबोधित किया. साथ ही प्रवासी मजदूरों के लिए चिंता का ढोंग न करने की सलाह दी.

दरअसल, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना‘ के जरिए पार्टी नेता संजय राउत ने रविवार को अपने साप्ताहिक लेख में लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर धोकर जो मानवता दिखाई थी, वह अब समाप्त प्रतीत होती है. नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में कुम्भ मेले के दौरान चार सफाईकर्मियों के पैर धोकर हमें मानवता दिखाई थी. अब ऐसा लगता है कि यह मानवता पिछले तीन महीने में समाप्त हो गई है.’

राउत ने कहा, ‘कश्मीरी पंडितों को उनके घर छोड़कर जाने और अपने ही देश में शरणार्थियों की तरह रहने के लिए मजबूर करने के मामले का कई बार राजनीतिकरण किया गया. आज करीब 6 करोड़ प्रवासी श्रमिक उन्हीं की तरह रहने के लिए मजबूर हैं. एडोल्फ हिटलर की निर्दयता और यहूदियों के प्रति उसके व्यवहार पर नाराज होने वाले लोगों को बताना चाहिए कि उन्होंने इन प्रवासी श्रमिकों के लिए क्या किया. यदि सत्तारूढ़ सरकार सभी राज्यों में इन प्रवासी श्रमिकों के दु:ख से विचलित नहीं हुई है, तो इस कोरोना वायरस ने मानवता को समाप्त कर दिया है.’

सामना के संपादक संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करने के बजाय राज्यपाल कोश्यारी से बार-बार मुलाकात करने को लेकर बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा. राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में विपक्ष बार-बार दावा कर रहा है कि ठाकरे सरकार नाकाम रही हैं. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश और गुजरात की सरकारें कोरोना वायरस के मामलों को काबू करने में सबसे अधिक नाकाम रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के रहने वाले हैं, इसलिए वे इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.’ राउत ने कहा कि जहां तक कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल असर की बात है, तो सभी एक ही नौका पर सवार हैं. हमें इस संक्रमण को काबू करने के लिए मिलकर काम करना होगा.

प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर तीखे वार के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी गुस्सा हो गए और संजय राउत एवं उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा, ‘अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला. लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया.
इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता उद्धव ठाकरे को कभी माफ नहीं करेगी.’

योगी ने आगे कहा, ‘अपने घर पहुंच रहे सभी बहनों भाइयों का प्रदेश में पूरा ख्याल रखा जायेगा. अपनी कर्मभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद उनकी चिंता का नाटक मत कीजिए. सभी श्रमिक कामगार बंधु आश्वस्त हैं कि अब उनकी जन्मभूमि उनका हमेशा ख्याल रखेगी, शिवसेना और कांग्रेस आश्वस्त रहे..’.

ट्वीट में शिवसेना नेता को निशाना बताते हुए सीएम योगी ने कहा, ‘संजय राउत जी, एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है. यदि महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली मां’ बन कर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता.’

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यूपी सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खुले दिल से और प्रवासी भाई बहनों के गृह प्रदेश में ही आजीविका के वादे के साथ, अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिक बंधुओं का स्वागत कर रही है.

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